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Aligarh Coronavirus Alert : कोरोना से घबराएं नहीं, डटकर करें मुकाबला, ऐसे करें बचाव

कोरोना महामारी अब विकराल रूप लेती जा रही है। ऐसे में अब सभी को अपनी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा। कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सर्दी जुकाम हल्के बुखार के साथ गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 04:32 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 04:32 PM (IST)
Aligarh Coronavirus Alert : कोरोना से घबराएं नहीं, डटकर करें मुकाबला, ऐसे करें बचाव
कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सर्दी, जुकाम, हल्के बुखार के साथ गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ है।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी अब विकराल रूप लेती जा रही है। ऐसे में अब सभी को अपनी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा। कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सर्दी, जुकाम, हल्के बुखार के साथ गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ है। अगर लोगों की  शारिरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता शक्ति अच्छी हो तो सर्दी जुकाम के साथ-साथ कई बड़ी बीमारियों से भी व्यक्ति को शीघ्र निजात मिल जाती है।

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काढ़ा का करें प्रयोग

जिला सूचना अधिकारी ने शासन से जारी गाइडलाइन के हिसाब से बताया कि हर घर में आसानी से पाई जाने वाली हल्दी को एंटीबैक्टीरियल माना गया है। ऐसे में कम से कम हल्दी मिला दूध का सेवन कर अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। इसी तरह हल्दी अदरक को हल्का भून कर मुंह में रखकर चबाने से गले की खराश को कम किया जा सकता है। हिंदू, धर्म और आयुर्वेद में तुलसी को पूज्य और जीवनदायिनी माना जाता है। हम तुलसी को पानी में उबालकर गले की खराश मिटा सकते हैं। नीबू को नीम गर्म पानी मे डालकर दिन में 3 से 4 बार पीने से गले की खराश और संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। काढ़ा भी एक अचूक रामबाण दवा मानी गई है। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, अदरक, लौंग, मुलैठी और मुनक्का का काढ़ा तैयार कर पीना सेहत के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है। ठंडी चीजों से परहेज करें और हमेशा गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। 

पेट के बल लेटने से आक्सीजन की कमी हो सकती है दूर

जिला सूचना अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि बढ़ते संक्रमण के बीच जहां संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता, जागरूकता और समय से उचित इलाज मिल जाने से बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं। वर्तमान में फैले संक्रमण के दौर में व्यक्ति यदि संक्रमित हो जा रहा है तो उसे या परिवार वालों को घबराने की जरूरत नहीं है। घरेलू उपचार के साथ कंट्रोल रूम को सूचना अवश्य दें। इससे समय से इलाज मुहैया कराया जा सके। अगर किसी संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है और आक्सीजन का स्तर 94 से घटकर नीचे आ रहा है तो ऐसे व्यक्ति को पेट के बल लेटकर एक तकिया को गर्दन के नीचे रखना चाहिए। इसके बाद एक तकिया को छाती के नीचे और दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखते हुए 1 से 2 घंटे तक लेट सकते हैं। इससे फायदा मिलेगा।


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