मातृत्व अवकाश : फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं तो अनुपस्थित ही रहेंगे गुरुजी Aligarh News
अवकाश लेने के बाद अब शिक्षक-शिक्षिकाओं को आनलाइन फिटनेस प्रमाणपत्र पेश करना होगा। अगर अवकाश के बाद आनलाइन फिटनेस प्रमाणपत्र शासन के पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो गुरुजी गैरहाजिर ही माने जाएंगे। वेतन जारी होने में रुकावट आ जाएगी।
अलीगढ़, जेएनएन। अवकाश लेने के बाद अब शिक्षक-शिक्षिकाओं को आनलाइन फिटनेस प्रमाणपत्र पेश करना होगा। अगर अवकाश के बाद आनलाइन फिटनेस प्रमाणपत्र शासन के पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो गुरुजी गैरहाजिर ही माने जाएंगे। इसके बाद उनका वेतन जारी होने में भी रुकावट आ जाएगी। चिकित्सा अवकाश का आवेदन व चिकित्सक परामर्श पत्र प्राप्त होने के बाद चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत कर दिया जाएगा। मगर अवकाश अवधि के बाद जब शिक्षक वापस विद्यालय ज्वाइन करेंगे तो उसके पहले मानव संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से फिटनेस प्रमाणपत्र अपलोड किया जाएगा। तभी ज्वाइनिंग हो सकेगी। इसी तरह बाल्य देखभाल व मातृत्व अवकाश के बाद महिला शिक्षकों को भी प्रमाणपत्र देकर ही री-ज्वाइनिंग करनी होगी।
ज्वाइनिंग के लिए बनाए जरूरी नियम
मानव संपदा पोर्टल पर मातृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश के बाद आनलाइन ज्वाइनिंग न कराए जाने पर इस संबंध में शासनस्तर से निर्देश जारी किए गए हैं। अफसरों को सुनिश्चित करना है कि ये व्यवस्था सभी के लिए अनिवार्य रूप से लागू हो। शिक्षिकाओं के बाल्य देखभाल अवकाश की समाप्ति पर मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य रूप से ज्वाइनिंग कराई जाएगी। अभी शिक्षक-शिक्षिकाएं अवकाश खत्म होने के बाद विद्यालय आने से पहले ज्वाइनिंग की कागजी कार्रवाई करते हैं। अब आनलाइन प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा नई नियुक्ति पाए शिक्षकों के बारे में भी व्यवस्था बनाई गई है। सभी ज्वाइनिंग अनुरोधों पर तीन कार्यदिवस में अफसरों की ओर से निर्णय किया जाएगा। अगर तीन दिन में निर्णय नहीं हाेता तो सिस्टम की ओर से अनुरोध को खुद ही स्वीकृत कर दिया जाएगा। आनलाइन ज्वाइनिंग न किए जाने की स्थिति में अगली बार मानव संपदा के जरिए उक्त अवकाशों का आवेदन करना संभव नहीं होगा।
आनलाइन प्रमाणपत्र अपलोड करना अनिवार्य
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि मानव संपदा पोर्टल पर धीरे-धीरे चीजें आनलाइन कर शासन की निगरानी में लाई जा रही हैं। अवकाश के बाद ज्वाइनिंग के दौरान आनलाइन प्रमाणपत्र अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। इसके बिना शिक्षकों की अवकाश की अवधि खत्म नहीं मानी जाएगी। उनको गैरहाजिर ही माना जाएगा। उनके वेतन संंबंधी कार्य भी अटक जाएंगे।