अलीगढ़ के बिल्डर पाक को सिखाएंगे सबक, ये बनाई रणनीति
जवानों की शहादत ने हर किसी को झकझोर दिया है। उद्यमियों में भी बदले की आग धधक रही है। शहर के नामचीन बिल्डरों ने तय किया है कि वे पाकिस्तान से आयातित ऑनिक्स पत्थर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। पाकिस्तान की नापाक हरकतों व जवानों की शहादत ने हर किसी को झकझोर दिया है। उद्यमियों में भी बदले की आग धधक रही है। शहर के नामचीन बिल्डरों ने तय किया है कि वे पाकिस्तान से आयातित ऑनिक्स पत्थर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ऑर्डर भी कैंसिल कराने शुरू कर दिए हैैं। इंटीरियर डेकोरेटर ने भी पाकिस्तान से तौबा कर ली।
इंटीरियर में प्रयोग करते हैं बिल्डर
ऑनिक्स पत्थर ईरान, इटली, मिस्र व पाकिस्तान से आयात होता है। सफेद व हरे रंग के पत्थर से बर्तन व शोपीस तैयार किए जाते हैं। बिल्डर इसका प्रयोग इंटीरियर में करते हैं। डाइनिंग टेबल में टॉप पर प्रयोग किया जाता है।
जैसलमेर के रास्ते आता है पत्थर
भारत में जैसलमेर (राजस्थान) के रास्ते आता है। इसी सीमा पर इसका खनन होता है। इसकी कीमत 1200 से 1500 रुपये प्रति वर्ग फीट होती है। इनडोर फ्लॉवर व पौधों में प्रयोग किए जाने वाले फ्लोबर पोट भी बनते हैं। हरे रंग के ऑनिक्स का इस्तेमाल भवन की सजावट में होता है।
जानें ऑनिक्स स्टोन
ऑनिक्स को ङ्क्षहदी में गोमेद पत्थर कहते हैं। यह प्राकृतिक पत्थर है। यह सफेद, हरे व काले रंग में होता है। आॉनिक्स ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है पंजा।
आर्डर किया निरस्त
शांतनु बिल्डर्स के निदेशक अनुराग गुप्ता का कहना है कि मेरी साइट पर इंटीरियर डिजाइनिंग हो रही है। मैं युद्ध नहीं लड़ सकता, मगर पाकिस्तान को व्यापारिक स्तर पर तो सबक सिखा ही सकता हूं। मैंने पाकिस्तानी ऑनिक्स पत्थर का ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। जादौन बिल्डर्स के निदेशक योगेंद्र सिंह का कहना है कि भारत सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कूटनीतिक दांव चले। हम पाकिस्तान से आयातित पत्थर का प्रयोग नहीं करेंगे। हम दूसरे देशों का पत्थर प्रयोग करेंगे। ऐसा कर दुश्मन को आर्थिक रूप से कमजोर करेंगे।
नहीं करेंगे ऑनिक्स पत्थर का प्रयोग
इंटीरियर डेकेरेटर शुभांगी मल्होत्रा का कहना है कि मैं पाकिस्तानी ऑनिक्स पत्थर का प्रयोग करती थी, मगर अब नहीं करूंगी। पार्टी को भी यही सलाह दूंगी। रिकॉन व कोरियन पत्थरों का इस्तेमाल करेंगे। पड़ोसी देश को उसकी हरकतों की सजा मिलनी चाहिए।