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अलीगढ़ के 87 बूथों पर महागठबंधन ने नहीं छुआ दहाई का अंक भी

लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ऐसी हार हुई है कि कल्पना नहीं की जा सकती।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 09:18 PM (IST)
अलीगढ़ के 87 बूथों पर महागठबंधन ने  नहीं छुआ दहाई का अंक भी
अलीगढ़ के 87 बूथों पर महागठबंधन ने नहीं छुआ दहाई का अंक भी

अलीगढ़ (जेएनएन)।  लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ऐसी हार हुई है कि कल्पना नहीं की जा सकती। मतगणना के आंकड़ों पर नजर डालें तो 87 बूथ ऐसे रहे, जहां वोट के हिसाब से महागठबंधन दहाई का अंक भी नहीं छू पाया। ऐसे बूथों की संख्या अतरौली व बरौली में सर्वाधिक रही। अतरौली में 32, बरौली में 22, कोल में 14, खैर में 10, शहर में नौ बूथों पर ऐसी स्थिति देखी गई। महागठबंधन को चुनाव से पूर्व भाजपा के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा था। सपा, बसपा व रालोद के हाथ मिलाने से हर कोई चिंतित था, मगर अचूक रणनीति व कुशल प्रबंधन की बदौलत भाजपा ने बाजी मार ली। चुनाव नतीजे बताते हैं कि महागठबंधन ने कैडर वोट बैंक के अलावा अन्य जातियों को अनदेखी की। शायद यही वजह रही कि तमाम बूथों पर हार का सामने करना पड़ा।

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विधानसभा वार बूथों की स्थिति

अतरौली : बूथ संख्या 3, 4,16, 17,28, 40, 41, 59, 77, 79, 88, 96, 102, 107, 112, 113, 124, 140, 153, 245, 266, 275, 276, 282, 298, 367, 368, 385, 386, 403, 427 व 437 पर गठबंधन दहाई का अंक नहीं छू पाया।

बरौली : बूथ संख्या 5, 13, 36, 63, 69, 84, 85, 103, 115, 116, 121, 127, 138, 151, 186, 189, 214, 243, 252, 351, 365, 366 पर गठबंधन को दहाई से कम अंक मिले।

कोल : बूथ संख्या 189, 206, 207, 226, 227, 230, 231, 232, 241, 262, 265, 312, 322, 344 पर गठबंधन इकाई तक सिमटा।

खैर : बूथ संख्या 169, 239, 247, 295, 311, 314, 365, 369, 370, 390 पर भी ऐसी ही स्थिति रही।

शहर: बूथ संख्या 93, 110, 185, 286, 289, 294, 295, 299 व 304 पर भी महागठबंधन दहाई अंक तक नहीं पहुंच पाया।

बूथ मैनेजमेंट की खुली कलई

लोकसभा चुनाव से पहले बसपा नेता बूथ मैनेजमेंट पर इतरा रहे थे। बूथ स्तर पर कई बार बैठकें होने तक के दावे किए गए, मगर चुनाव नतीजों से कलई खुल गई।

पदाधिकारियों पर गिर सकती है गाज

अलीगढ़ लोकसभा सीट उन सीटों में शुमार थी, जहां तीनों ही दलों के नेताओं ने हार की कल्पना नहीं की थी। खुद हाईकमान को उम्मीद थी कि जीत जरूर होगी। अब बसपा की करारी हार हो चुकी है तो चुनाव प्रबंधन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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