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डीएम के निरीक्षण के बाद सक्रिय हुुुआ कृषि और सहकारिता विभाग, डीएपी के नहीं बढ़े हैं रेट, किसान गुमराह न हो Hathras news

पूरे जनपद में खाद का संकट बरकरार है। हालांकि प्रशासन दावा कर रहा है कि आने वाले दिनों में खाद का संकट दूर हाे जाएगा क्योंकि इस महीने के अंत तक 4650 एमटी खाद जनपद को मिलने वाली है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 12:46 PM (IST)
डीएम के निरीक्षण के बाद सक्रिय हुुुआ कृषि और सहकारिता विभाग, डीएपी के नहीं बढ़े हैं रेट, किसान गुमराह न हो Hathras news
खाद के लिए दुकान के बाहर जमा किसान।

हाथरस, जागरण संवाददाता। पूरे जनपद में खाद का संकट बरकरार है। हालांकि प्रशासन दावा कर रहा है कि आने वाले दिनों में खाद का संकट दूर हाे जाएगा क्योंकि इस महीने के अंत तक 4650 एमटी खाद जनपद को मिलने वाली है। मगर डीएम रमेश रंजन खुद खाद की उपलब्धता जानने निकले को व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। उनके निर्देश पर टीमों से कराए गए सत्यापन के दौरान अनियमितताएं मिलीं तो चार दुकानों के लाइसेंस निरस्त करने पड़े। देर शाम सासनी की कई समितियों पर खाद आई तो किसानों की लंबी लाइन लग गई। खाद पहले पाने को लेकर हंगामा भी होता रहा। वहीं जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसान कतई गुमराह न हों और खाद का भंडार न करें। किसान शायद इसलिए खाद ज्यादा मांग रहे हैं क्योंकि उनको लग रहा है कि डीएपी के रेट बढ़ सकते हैं।

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आने वाले दिनो में और खाद मिलेगी

बता दें कि जनपद की सहकारी समितियों के अलावा प्राइवेट दुकानों पर खाद किसानों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। लापरवाही की इंतहा तब देखिए जब डीएम रमेश रंजन रंजन को चंदपा की सहकारी समिति पर ताला लटका मिला। इससे नाराज डीएम ने एआर सहकारिता को समिति सील करने का निर्देश दिया तो सील करने की कार्यवाही कर दी गई। जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि खाद का संकट जल्द दूर हो जाएगा। रविवार को भी 2200 एमटी खाद समितियों पर पहुंच गई है। आने वाले दिनों में और खाद मिलेगी। देर शाम अपर निदेशक कृषि देवेंद्र चतुर्वेदी ने हाथरस समेत सभी डीएम को खाद की उपलब्धता को लेकर जूम पर बैठक कर दिशा-निर्देश दिए।

किसानों से अपील

जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि खाद का संकट जल्द दूर हो जाएगा। संकट इसलिए लग रहा है क्योंकि किसान मांग के अनुसार नहीं बल्कि भंडारण के लिए भी खाद की एक साथ डिमांड कर रहे हैं। अभी खाद जरूरत के हिसाब से ही मिलेगी। इससे ज्यादा खाद नहीं मिल सकती। कालाबाजारी कर रहे दुकानदारों पर विभागीय शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से भी जूम के जरिए दिशा-निर्देश मिल चुके हैं।


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