माकड्रिल में फिर खामियां, स्टाफ नहीं दे पाया जानकारी, एडी हेल्थ ने दीनदयाल चिकित्सालय का पीकू वार्ड देखा
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले बढऩे के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। कोविड टीकाकरण के साथ उपचार को लेकर तैयारियों को परखा जा रहा है। शुक्रवार को दीनदयाल अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्र में चार सीएचसी पर पीकू वार्डों में फिर माकड्रिल हुई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले बढऩे के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। कोविड टीकाकरण के साथ उपचार को लेकर तैयारियों को परखा जा रहा है। शुक्रवार को दीनदयाल अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्र में चार सीएचसी पर पीकू वार्डों में फिर माकड्रिल हुई। हैरानी की बात ये है कि हर बार माकड्रिल में स्टाफ फेल हो जाता है। दीनदयाल अस्पताल में भर्ती व उपचार से जुड़े सवालों का उत्तर स्टाफ सहज तरीके से नहीं दे पाया। चिकित्सक तक घबराए हुए दिखे। शायद कमियों को छुपाने के इरादे से यहां मीडिया कवरेज तक नहीं होने दी गई।
माकड्रिल के लिए एडी हेल्थ पहुंचे दीन दयाल अस्पताल
एडी हेल्थ डा. एसके उपाध्याय ने सुबह माकड्रिल के लिए दीनदयाल अस्पताल पहुंचे। आइसीयू में कर्मचारियों ने माकड्रिल से ठीक पहले चादर बदलीं। पूर्व में 108 एंबुलेंस से मरीज को भर्ती किया जाता था, शक्रवार को आनन-फानन 102 एंबुलेंस से बीमार बच्चे (सांकेतिक) को भर्ती कराया गया। पहले से स्टाफ भी तैनात नहीं था। एडी हेल्थ अंदर पहुंचे रिसेप्शन पर फार्मासिस्ट को नेम प्लेट और आइकार्ड न होने पर डांटते हुए कार्यालय से संबद्ध करने की चेतावनी दी। सुधार की हिदायत भी दी। आइसीयू में वेंटीलेटर व एचएफएनसी के अंतर, आक्सीजन कंसंट्रेटर से पानी बदलने, वेंटीलेटर चालू करने, आक्सीजन की मात्रा, वार्मर आदि के बारे में जानकारी ली। हैरानी तब हुई जब कई बार माकड्रिल का सामने कर चुका स्टाफ इन सवालों का सहज जवाब नहीं दे पाया। एडी हेल्थ ने सीएमएस से पूछा कि क्या इनकी ट्रेङ्क्षनग नहीं हुई है। सीएमएस कुछ नहीं बोले। एडीए ने स्टाफ को नए सिरे से प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। आक्सीजन प्लांट चालू पाए गए। इस दौरान कार्यवाहक सीएमएस डा. अनुपम भास्कर व अन्य चिकित्सक भी उपस्थित रहे।
महिला डाक्टर का मोबाइल स्विच आफ, हंगामा
दीनदयाल चिकित्सालय में गुरुवार रात दुष्कर्म के एक संदिग्ध मामले में मेडिको लीगल कराने में पुलिस को काफी परेशानी हुई। प्रबंधन ने महिला डाक्टर की आनकाल ड्यूटी लगाई थी, लेकिन जब स्टाफ ने उन्हें काल की तो मोबाइल स्विच आफ मिला। इससे मेडिकल लीगल समय से नहीं हो पाया। पुलिस ने डीएम कंट्रोल पर शिकायत की तो सीएमओ व सीएमएस ने हस्तक्षेप करते हुए व्यवस्था कराई।