अलीगढ़ में चलना जरा संभल कर, शहर से गांव तक की सड़कें गड्ढे से होने लगीं छलनी
अलीगढ़ आ रहे हैं तो जरा सावधानी रखना। यहां की सड़कें बहुत जजर्र हैं। शहर से गांव तक की सड़कें बदहाल हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सड़कों का बुरा हाल है। जगह-जगह गड्ढे नजर आने लगे हैं। शहर से लेकर देहात तक यही स्थिति है। लॉकडाउन में कुछ ढील मिलने से वाहनों की संख्या भी बढऩे लगी है। दो महीने से सड़कों के निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गया था। जीटी रोड, अलीगढ़-पलवल मार्ग समेत तमाम बड़े प्रोजेक्ट थम गए थे। शुरुआत में तो पीडब्ल्यूडी के कार्यालय भी बंद हो गए थे। कुछ दिनों बाद खुल गए। सड़कों पर वाहनों की संख्या न के बराबर थी। मार्च से पहले के गड्ढे भी नहीं भरे गए थे। लॉकडाउन में ढील मिलने से सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। सड़कों पर गड्ढे भी बढऩे लगे हैं। जीटी रोड पर सारसौल की तरफ जगह-जगह गड्ढे हैं। जीटी रोड पर ही फल मंडी व विनीत आॉटोमोबाइल्स के पास चलना मुश्किल हो रहा है।
खस्ताहाल है यहां पर
ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई जगहों पर सड़कें खस्ताहाल हैं। गभाना क्षेत्र में तहसील तिराहे के पास इतना बड़ा गड्ढा है कि हादसे हो रहे हैं। पला सल्लू मार्ग पर भी जगह-जगह गड्ढे हैं। चुहरपुर, सोमना खैर रोड पर भी गड्ढे हैं।
10 साल से नहीं बना मार्ग
अतरौली में स्टेशन रोड तो दस साल से नहीं बना। करीब नौ किमी मार्ग गड्ढों से छलनी हो गया है। इस मार्ग पर दस किमी रफ्तार से भी वाहन नहीं चल पाते हैं। इस मार्ग पर स्कूल, कॉलेज भी हैं।
पुलों की भी हालत खस्ताहाल
शहर के पुलों की भी स्थिति ठीक नहीं हैं। इन पर काम तो होता है, मगर इतना घटिया होता है कि कुछ ही दिनों बाद गड्ढे उभर आते हैं। छर्रा अड्डा पुल पर भी जगह-जगह गड्ढे हैं। नौरंगाबाद की ओर उतरते समय और अचलताल की ओर उतरते समय काफी खराब स्थिति है। मीनाक्षी पुल का भी यही हाल है।
जीटी रोड पर शुरू हुआ काम
जीटी रोड पर काम शुरू हो गया है। पनेठी से लेकर अकराबाद तक मिट्टी के साथ ही समतलीकरण का काम हो रहा है। अकराबाद में दिनभर मिट्टी का गुबार उड़ता रहता है। हवा की गति तेज होने के चलते लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। आरके मिश्रा, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी ने बताया कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पैसा नहीं आया। पैसा आते ही कार्य शुरू कराया जाएगा। अभी विशेष मरम्मत के लिए पैसा आया है।
सड़कों पर खूब बरसा धन, फिर भी ताक रहे गड्ढे
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह की कर्मस्थली रही अतरौली विधानसभा क्षेत्रों में ढेरों विकास कार्य हुए, लेकिन यहां पर बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी अधूरी हैं। अतरौली से रायपुर स्टेशन तक जाने वाली नौ किमी सड़क पिछले दो दशक से जर्जर हैं। हर दिन हिचकोले लेते हजारों लोगों का यहां से आवागमन होता है। अतरौली से बुलंदशहर, छतारी, पहासू व खुर्जा के लिए भी लोग यहीं से निकलते हैं, लेकिन कभी किसी जनप्रतिनिधि की नजर इस पर नहीं पड़ी। अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र में इसी तरह दर्जनों सड़कें हैं, जो दशकों से अपनी बदहाली के आंसू बहा रही हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई खेवनहार नहीं मिला, जबकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सांसद ने पिछले एक साल में अपनी निधि की शतप्रतिशत धनराशि सड़कों पर ही खर्च की है ।
कई जगह हुआ था विरोध
एक साल पहले जब चुनाव हुआ था तो भाजपा सांसद का कई जगह विरोध हुआ था। कहीं सड़क की समस्या खत्म न होने से लोग परेशान थे तो कहीं बिजली न आने की दिक्कत थी। इसके बाद भी लोगों ने मतदान के दिन 2014 की तरह सतीश गौतम पर भरोसा जताया और वोट दिया। उन्हें उम्मीद थी कि सांसद से पहले पांच सालों में जो काम छूट गए हैं, वह दूसरे कार्यकाल में पूरे हो जाएंगे। अब इस कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है। अगर निधि की बात करें तो सांसद को इसमें पांच करोड़ की धनराशि मिली है। इसमें तीन करोड़ के करीब धनराशि खर्च हो चुकी है। वहीं, दो करोड़ के कार्यों के भी प्रस्ताव लगभग तैयार हैं। लॉकडाउन खत्म होते ही इन्हें भी पूरा कर दिया जाएगा। आंकड़े बताते हैं कि सांसद ने अपनी निधि की शतप्रतिशत धनराशि सड़कों पर खर्च की है। एक साल में ही छोटी-बड़ी करीब तीन दर्जन से अधिक सड़कें बन चुकी हैं। हालांकि, जिले की तमाम सड़कें अब भी सुधरने के इंतजार की वाट जोह रही हैं।
यह समस्याएं अभी अधूरी
सांसद ने चुनाव के समय वादा किया था कि अलीगढ़ को एनसीआर में शामिल कराएंगे, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है। वहीं, तमाम गांव में पानी की समस्याएं हैं। टप्पल क्षेत्र में लोगों को सबसे अधिक दिक्कतें सड़क, पानी की है।