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जान पर खेलकर श्रद्धालुओं ने की यमुना पार, बाजना के लिए रवाना हुई यात्रा Aligarh news

टप्पल में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा में शामिल विभिन्न प्रदेशों के करीब 12 हजार श्रद्धालुओं ने जान पर खेलकर यमुना पार की और कस्बे से करीब 15 किलोमीटर दूर गांव जैदपुरा में डेरा डाला।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 09:51 AM (IST)
जान पर खेलकर श्रद्धालुओं ने की यमुना पार, बाजना के लिए रवाना हुई यात्रा Aligarh news
जान पर खेलकर श्रद्धालुओं ने की यमुना पार, बाजना के लिए रवाना हुई यात्रा Aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। टप्पल में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा में शामिल विभिन्न प्रदेशों के करीब 12 हजार श्रद्धालुओं ने जान पर खेलकर यमुना पार की और कस्बे से करीब 15 किलोमीटर दूर गांव जैदपुरा में डेरा डाल लिया। यहां का 15 बीघा क्षेत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल जैसा नजर आया। दिनभर भजन-पूजा के बाद रात तंबू में बिताईं। इस दौरान राधे-कृष्ण की गूंज रही। बुधवार की सुबह यात्रा बाजना के लिए रवाना हो गई।

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रस्सी के सहारे यमुना पार

यात्रा 11 अक्टूबर को बरसाने से संत रमेश बाबा के नेतृत्व में शुरू हुई थी।  बीती रात हरियाणा के पलवल क्षेत्र स्थित गांव महरौली में पड़ाव रहा। यहां से सुबह साढ़े छह बजे अलीगढ़ के लिए प्रस्थान किया और सुबह दस बजे श्रद्धालुओं ने रस्सी के सहारे यमुना पार करना शुरू किया। करीब आधा किलो मीटर यमुना से गुजर कर अलीगढ़ के यमुना किनारे स्थित गांव ऊंटसानी पहुंचे और फिर यहां आचमन लेकर दोपहर 12 बजे करीब तीन किलोमीटर दूर मालव व जैदपुरा के बीच में डेरा डाल लिया। यहां 15 बीघा क्षेत्र में पहले से करीब तंबू लगाए गए थे। शाम तक सभी यात्री पड़ाव स्थल पहुंच गए थे। भजन-कीर्तन का दौर पूरी यात्रा में बना रहा। पड़ाव स्थल पर खाने व ठहरने की व्यवस्था की गई। पूरा क्षेत्र एक नए गांव जैसा लगने लगा। भजन गाते श्रद्धालु और कीर्तन करती मंडली हर किसी को आकर्षित कर रही थीं। रात के साथ भजनों की गूंज कम हुई। श्रद्धालु सोने लगे तो यात्रा की व्यवस्था से जुड़े लोग सुरक्षा में लग गए।

यमुना में गिरे कई श्रद्धालु

ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं का जोश देखते बन रहा था, जिसके चलते किसी तरह की दिक्कत उनके लिए कोई मायने नहीं रख रही। यमुना पार करना भी आसान न था। यमुना में घुटनों से अधिक पानी था। इस दौरान कई यात्री पानी में गिरे भी, जिन्हें साथियों ने उठाया।

श्रद्धालु रहे निराश

यमुना के प्रदूषित पानी का आचमन करने से एक श्रद्धालु की मौत और करीब 250 के बीमार होने से हर कोई चिंतित था। कुछ श्रद्धालु निराश भी नजर आए।

इन प्रदेशों के हैं श्रद्धालु 

यात्रा के व्यवस्थापक राधा कांत शात्री ने बताया कि यात्रा में 12 हजार श्रद्धालु शामिल हुए हैं। ये यात्री मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बिहार के अलावा ब्रज क्षेत्र के हैं। यात्रा का समापन 17 नवंबर को होगा। बुधवार की सुबह छह बजे यात्रा मथुरा के गांव बाजना के लिए रवाना हो गई

प्रशासन को खबर नहीं

खैर एसडीएम पंकज कुमार ने बताया कि किसी भी कार्यक्रम के लिए प्रशासन को लिखित में सूचना देनी होती हैं, लेकिन किसी भी यात्रा के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। किसी भी व्यक्ति ने न तो कोई लिखित सूचना दी और न ही मौखिक बताया। अगर जानकारी होती तो प्रशासन जरूर कोई न कोई व्यवस्था कराता।


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