चार महीने बाद दोस्तों से मिलकर खिले नौनिहालों के चेहरे Aligarh news
करीब चार महीने बाद कक्षा एक से पांच तक के सरकारी व निजी प्राइमरी स्कूल बुधवार को नौनिहालों के आने से गुलजार हो गए। कोरोना संक्रमण थमने के बाद स्कूल खुलने पर विद्यार्थी लंबे समय बाद अपने दोस्तों से मिले तो उनके चेहरे खुशी से खिल गए।
अलीगढ़, जेएनएन। करीब चार महीने बाद कक्षा एक से पांच तक के सरकारी व निजी प्राइमरी स्कूल बुधवार को नौनिहालों के आने से गुलजार हो गए। कोरोना संक्रमण थमने के बाद स्कूल खुलने पर विद्यार्थी लंबे समय बाद अपने दोस्तों से मिले तो उनके चेहरे खुशी से खिल गए। विष्णुपुरी स्थित बालक पाठशाला संख्या-13 में जब विद्यार्थियों को कक्षाओं में बैठाया गया तो हर विद्यार्थी एक-दूसरे से सटकर जोड़ी बनाकर बैठ गए। शिक्षकों ने उनको शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराते हुए एक बेंच के दोनों छोर पर दूर-दूर बैठाया। कोविड-19 गाइडलाइंस के पालन के साथ शिक्षण कार्य कराया गया।
पहले दिन अभिभावकों ने कम दिलचस्पी दिखायी
पहले दिन अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने में कम दिलचस्पी दिखाई। इसके चलते स्कूलों में छात्र संख्या काफी कम रही। दोधपुर के बालक पाठशाला संख्या-30 में सहायक अध्यापिका शाहिंदा खान व बालक पाठशाला-1 में शिक्षामित्र इरम खान अकेले बैठी रहीं। यहां सुबह 8.39 बजे तक कोई विद्यार्थी नहीं आया। विष्णुपुरी स्थित बालक पाठशाला संख्या-13 में प्रधानाध्यापिका श्वेता ओमर नामांकित 38 बच्चों में से करीब एक दर्जन बच्चों को पढ़ा रही थीं। कन्या पाठशाला संख्या-31 की प्रधानाध्यापिका संध्या गुप्ता के विद्यार्थी सुबह 9.15 बजे तक विद्यालय नहीं आए। कन्या पाठशाला संख्या-28 की प्रधानाध्यापिका सुनीता शर्मा की क्लास में नामांकित 61 विद्यार्थियों में से मात्र एक छात्र ही आया। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार कार्यक्रम के चलते वीवीआइपी मूवमेंट को देखते हुए रामघाट रोड किनारे स्थित निजी स्कूलों को बंद रखा गया। कुछ सरकारी स्कूल भी समय से नहीं खुले। दोधपुर में कन्या पाठशाला संख्या-42 में शिक्षिकाओं के अवकाश पर रहने के चलते वहां ताला लगा रहा। प्रधानाध्यापिका व सहायक अध्यापिका अवकाश पर थीं और एक अन्य शिक्षिका एआरपी बनाई गईं हैं, जिसके चलते वे विद्यालय नहीं आईं।
कक्षाओं में ही की प्रार्थना
कोविड-19 गाइडलाइंस के तहत विद्यार्थियों की प्रार्थना सभा पर रोक है। इसलिए कक्षाओं में ही अपनी सीट के पास खड़े होकर विद्यार्थियों ने प्रार्थना की। सामूहिक कार्यक्रम व खेल गतिविधियों पर फिलहाल रोक है।
थर्मल स्क्रीनिंग कर बांटे मास्क
विद्यालयों में मास्क लगाकर न आने वाले नौनिहालों काे मास्क वितरित किए गए। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही बच्चों को प्रवेश दिया गया। रसाेइयों ने मास्क पहनकर ही बच्चों को एमडीएम परोसा।
विद्यार्थियों ने जताई खुशी
स्कूल आकर अच्छा लगा। काफी दिनों से घर पर ही थे। एक दिन पहले ही ड्रेस व बैग तैयार कर लिया था। मम्मी-पापा ने भी कहा स्कूल जाओ।
पिंकी, कक्षा चार
काफी दिन से स्कूल आने का मन था। आनलाइन पढ़ाई नहीं हो पाती थी। स्कूल आकर अच्छा लगा। पहले साथ में बैठते थे अब दूर-दूर बैठा दिया है।
रुचि, कक्षा पांच
कई दिनों से स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। स्कूल आकर दोस्तों से मिलकर अच्छा लगा। घर पर पढ़ाई नहीं हो पाती, यहां पढ़ाई भी होगी।
जिगर, कक्षा पांच
अभी दाखिला लिया है इसलिए पहले दिन से मम्मी ने स्कूल भेजा है। घर पर मम्मी पढ़ाती हैं स्कूल में टीचर जी से पढ़ रहे हैं। रोज स्कूल आना है।
दीक्षा, कक्षा एक
अभिभावकों के बोल
बेटा विशांत कक्षा दो में है। स्कूल बंद होने से पढ़ाई अटकी हुई थी। पहले दिन से स्कूल भेजा है, वहां जाकर पढ़ाई भी होगी, कुछ सीखेंगे। घर पर ताे खेल में ही समय बीतता है।
संतोष, लोधा
बेटी लवली कक्षा चार में है। कोरोना संक्रमण में स्कूल नहीं भेजा। अब स्कूल वालों के भरोसे भेजना शुरू किया है। उनको सुरक्षा का ध्यान रखकर पढ़ाई करानी चाहिए।
गुड़िया, लोधा
नौनिहालों को नहीं मिला दूध, बांटी केवल तहरी
अलीगढ़ । पहले दिन कक्षा एक से पांच तक के छात्र-छात्राओं को स्कूलों में पढ़ाई कराई गई। मगर उनको एमडीएम में मिलने वाला आहार एनजीओ की लापरवाही से आधा-अधूरा ही मिला। शासन से तय मेन्यू के अनुसार बुधवार के दिन तहरी व दूध का वितरण किया जाता है। मगर विष्णुपुरी के एक ही परिसर में संचालित तीन विद्यालयों, जहां 140 विद्यार्थी नामांकित हैं। वहां तहरी तो भेजी गई लेकिन दूध हर बार की तरह नदारद था। इस पर अफसरों ने नाराजगी जताते हुए संबंधित एनजीओ से स्पष्टीकरण मांगने की बात कही है।
एक ही परिसर में तीन स्कूल संचालित
विष्णुपुरी क्षेत्र में एक ही परिसर में तीन स्कूल संचालित हैं। बालक पाठशाला संख्या-13 में 38 विद्यार्थी, कन्या पाठशाला संख्या-31 में 41 और कन्या पाठशाला संख्या-28 में 61 समेत 140 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। प्रति बच्चा 150 एमएल दूध दिया जाना चाहिए। यहां बाल विकास सेवा संस्थान नाम की एनजीओ मिड-डे-मील उपलब्ध कराती है। कन्या पाठशाला 31 की प्रधानाध्यापिका संध्या गुप्ता ने बताया कि एनजीओ की गाड़ी आई थी, तहरी देकर चली गई। नई एनजीओ के कार्यकाल में दूध तो पहले भी कई बार नहीं आया, इसके बारे में संबंधित अधिकारी को लिखित में भी अवगत कराया था। कहा कि जब कभी बड़ा निरीक्षण होता है तब दूध भी पहुंचाया जाता है। मगर आमतौर पर नहीं आता है। एनजीओ संचालक देवराज ने कहा कि पहले दिन स्कूल खुला है, कुछ अव्यवस्था के चलते दूध नहीं पहुंचा सके, आने वाले दिनों में पहुंचाया जाएगा।
इनका कहना ह
जिले में जो विद्यालय समय पर नहीं खुले हैं या बंद रहे, उनकी सूची तैयार कराई जा रही है। तय मेन्यू के अनुसार ही एमडीएम बंटना है, लापरवाही करने वाले एनजीओ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
सत्येंद्र कुमार ढाका, बीएसए