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Cows On Road: आखिर कहां जा रहे हैं बेजुबान गोवंश के लिए हर माह आ रहे 80 लाख, दाना-पानी तक का इंतजाम नहीं

Cows On Road रात के वक्त आप दुपहिया से निकल रहे हैं सावधान रहें क्योंकि हाईवे पर कब गोवंश का झुंड सड़क पर मिल जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। सड़कों पर घूम रहे गोवंश को पकड़ने के सिर्फ दावे होते हैं। होता कुछ नहीं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 02:03 AM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 06:50 AM (IST)
Cows On Road: आखिर कहां जा रहे हैं बेजुबान गोवंश के लिए हर माह आ रहे 80 लाख, दाना-पानी तक का इंतजाम नहीं
Cows On Road हाईवे पर गोवंश का झुंड सड़क पर घूम रहा है।

हाथरस, योगेश शर्मा। रात के वक्त आप दुपहिया से निकल रहे हैं सावधान रहें, क्योंकि हाईवे पर कब Cows On Road मिल जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। सड़कों पर घूम रहे गोवंश को पकड़ने के सिर्फ दावे होते हैं। होता कुछ नहीं। जो गोवंश गोशालाओं में भेजे जाते हैं उनके लिए दो वक्त का चारा-पानी का इंतजाम नहीं होता। सरकारी खजाने से 80 लाख रुपये महीने गोवंश के लिए आता है, मगर उसे कौन हड़प रहा? कोई जवाब देने वाला नहीं है। सहपऊ की उधैना में हनी गोशाला की हकीकत पर पर्दा डालने वाले अफसरों की आंखें तब खुलीं जब कुछ गोभक्तों ने गोवंश को भूख तड़पते और मरते देखा। बात आला अफसरों तक पहुंची तो ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करके ड्यूटी पूरी कर ली।

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इंतजाम के दावे हवा-हवाई

आइये आपको सासनी की पराग डेयरी में बनी गोशाला की हकीकत से रूबरू कराते हैं। इस गोशाला में प्रति गोवंश के चारे के लिए 30 रुपये सरकार की ओर से मिलता है। मगर सरकारी खजाने से होने वाले भुगतान की धनराशि कौन हड़प रहा है? यह समझना मुश्किल नहीं है। मंगलवार की सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर लौकी से भरी टिर्री गोशाला में प्रवेश की। जैसे ही गोवंश के आगे लौकी फेंकी जाती है तो गोवंश का झुंड लौकी के लिए टूट पड़ता है। यह सीन देख ऐसा लगा मानो गोवंश कई दिन से भूखे हों।

मीडिया के प्रवेश पर बैन

गोशाला में कुछ पशु तड़प रहे थे और कुछ खुले आसमान और भयंकर गंदगी में बेहाल दिखे। जाहिर है गोवंश के लिए आ रही लाखों की धनराशि का सदुपयोग नहीं हो रहा है। गोशाला के गेट पर बनी कोठरी में बैठा गार्ड साफ कहता है कि अधिकारियों का आदेश है कि किसी मीडिया वाले को प्रवेश नहीं देना है। इसके बाद यह समझने में देर नहीं लगी कि प्रशासन ने गोवंश की दुर्दशा पर पर्दा डालने के लिए मीडिया को बैन कर रखा है।

नहीं रुक रही लापरवाही

सहपऊ की उधैना की गोशाला में भी बदइंतजामी थमने का नाम नहीं ले रही। यहां एक हजार गोवंश हैं, जिनकी देखभाल तीन कर्मचारी करते हैं। सोमवार को गोभक्तों ने गोशालों में कुछ गोवंशों को मरते देखा और कुछ को भूख से तड़पते देखा तो बात अफसरों तक पहुंचाई गई। लापरवाही के लिए ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इस लापरवाही के लिए क्या सिर्फ ग्राम विकास अधिकारी जिम्मेदार हैं। बदइंतजामी के लिए अफसरों की कोई जवाबदेही नहीं? हद तक हो गई जब बदइंतजामी फिर भी नहीं रुकी।

गोवंश को समय से 30 रुपये के हिसाब से चारे की व्यवस्था की जाती है। कुछ गायों की मौत की वजह भूख नहीं बल्कि बीमारी और अन्य कारण भी हैं। लगातार बीमार मवेशियों पर उपचार भी होता है।

-सुशील कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी हाथरस।

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