आखिर ऐसा क्या हुआ जो बसपाइयों ने शुरू कर दी ईवीएम की निगरानी?, जानिए सच
धनीपुर मंडी में मतदान के बाद रखीं ईवीएम की निगरानी रविवार को शुरू कर दी। देरशाम प्रशासन से लिखित अनुमति के बाद बसपाइयों ने ईवीएम कक्षों के सामने ही डेरा डाल लिया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। धनीपुर मंडी में मतदान के बाद रखीं ईवीएम की निगरानी रविवार को शुरू कर दी। देरशाम प्रशासन से लिखित अनुमति के बाद बसपाइयों ने ईवीएम कक्षों के सामने ही डेरा डाल लिया है। इसको लेकर चर्चा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ है जो कि बसपाइयों को ईवीएम की निगरानी करनी पड़ रही है?
दो दिन तक टालते रहे अफसर
बसपा के महानगर अध्यक्ष व निगरानी कमेटी के इंचार्ज मुकेश चंद्रा ने बताया कि हमने पांच-पाच सदस्यों की सात टीमें निगरानी के लिए बनाई हैं। प्रशासनिक अफसरों ने दो दिन इसी उहापोह में निकाल दिए कि इतने लोगों को अनुमति कैसे दी जाए। उन्होंने बताया गया कि एक समय में पांच सदस्यों की ड्यूटी ही निगरानी के लिए लगाई जाएगी। लिखित अनुमति के बाद शिविर लगाया गया। तय टीम ने शिविर में पहुंच ईवीएम की निगरानी शुरू कर दी है।
शिकायत के बाद लिया निर्णय
चंद्रा ने कहा कि ईवीएम को लेकर जगह-जगह से आ रहीं शिकायतों के बाद निगरानी जरूरी हो गई है। प्रशासन से उम्मीद है कि वह ईवीएम की सुरक्षा व मतगणना में पूरी पारदर्शिता बरतेगा। रात में ड्यूटी दे रही टीम सुबह आठ बजे बदल जाएगी।
डीएम से की मुलाकात
सपा व बसपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ डीएम से मिलने पहुंचे गठबंधन प्रत्याशी अजीत बालियान ने डीएम से पुन: स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। डीएम से पूछा कि करीब 28 हजार मत कैसे कम हो गए? अजीत बालियान के साथ महापौर मोहम्मद फुरकान, पूर्व विधायक जफर आलम, मंडल जोन इंचार्ज रणवीर सिंह कश्यप समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम) चंद्रभूषण सिंह को पत्र सौंपा। नेताओं ने कहा कि ईवीएम के साथ मतदान संबंधी रिकार्ड आपकी देखरेख में डबल लॉक में सुरक्षित रखवाया गया। इसके बाद समस्त प्रेक्षकों, प्रत्याशी व प्रतिनिधियों के समक्ष कुल मतदान घोषित किया गया। 20 अप्रैल को मीडिया के माध्यम से मतदान फीसद 1.5 फीसद कम दर्शाए जाने की सूचना मिली। इससे विपक्षी पार्टियों में आशंका पैदा हो गई है। अत: जनपदवासियों व राजनैतिक दलों के समक्ष मीडिया के माध्यम से वास्तविक स्थिति स्पष्ट की जाए।