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ढाई साल में भी नक्शा पास न कर सका एडीए, ये है ADA की कार्यप्रणाली Aligarh News

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में अफसर अपने काम को लेकर कितने गंभीर हैैं इसका अंदाजा सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट जेके सीमेंट प्लांट का ढाई साल बाद भी नक्शा पास न होने से लगा सकते हैैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 03:01 PM (IST)
ढाई साल  में भी नक्शा पास न कर सका एडीए, ये है ADA की कार्यप्रणाली Aligarh News
ढाई साल में भी नक्शा पास न कर सका एडीए, ये है ADA की कार्यप्रणाली Aligarh News

अलीगढ़  [सुरजीत पुंढीर ] : अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में अफसर अपने काम को लेकर कितने गंभीर हैैं, इसका अंदाजा सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट जेके सीमेंट प्लांट का ढाई साल बाद भी नक्शा पास न होने से लगा सकते हैैं। प्रदेश के पहले जेके सीमेंट प्लांट की कृषि से औद्योगिक में भूउपयोग परिवर्तन की फाइल शासन में फंसी होने का हवाला देकर अफसर टालमटोल कर रहे हैं। सरकार के भरोसे पर प्रबंधन ने बिना नक्शे के प्लांट लगाकर उत्पादन भी शुरू कर दिया। इसमें करीब 350 लोगों को रोजगार मिल रहा है। अब प्राधिकरण नक्शा पास न कराने का हवाला देकर कार्रवाई की तैयारी में है।

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प्लांट अलीगढ़ में लगाने का करार

सीएम योगी ने 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद इन्वेस्टर्स समिट की थी। इसमें जेके सीमेंट ने यूपी मेंं पहला प्लांट अलीगढ़ में लगाने का करार किया था। अक्टूबर 2019 तक प्लांट शुरू करने का लक्ष्य दिया। करार होने के बाद जेके प्रबंधन ने यहां कासिमपुर रोड पर करीब साढ़े छह हेक्टेयर जमीन खरीद ली और नक्शे के लिए अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में आवेदन कर दिया। यहां अफसरों ने कृषि भूमि होने से नक्शा पास करने से इन्कार कर दिया।  प्रबंधन ने भूमि उपयोग परिवर्तन के लिए आवेदन किया तो प्राधिकरण ने फाइल शासन को भेज दी, क्योंकि भूउपयोग परिवर्तन शासन ही कर सकता है।

लगाते रहे चक्कर

शुरुआत में प्रबंधन ने एडीए कार्यालय के चक्कर लगाए। हर बार अफसर फाइल शासन में होने का हवाला देकर लौटा देते। कंपनी का भी प्लांट शुरू करने के लिए तय समय पूरा होता जा रहा था। कंपनी ने बिना नक्शे के निर्माण शुरू करा दिया। इस साल कंपनी खड़ी हो गई और उद्योग विभाग से अनुमति लेकर संचालन शुरू कर दिया। करीब 350 लोगों को रोजगार दे दिया। पिछले दिनों प्राधिकरण की टीम प्लांट में पहुंची और नक्शा मांगा। प्रबंधन ने पूरी स्थिति बताई, उसके बाद भी कार्रवाई की तैयारी है। उपाध्यक्ष ने नोटिस देेने के निर्देश दिए है।

ये भी तो हैं दोषी

प्राधिकरण भले ही अवैध निर्माण के लिए प्रबंधन को दोषी ठहरा रहा हो, लेकिन निर्माण के समय तैनात अभियंता भी तो जिम्मेदार हैं। निर्माण को उसने रोका क्यों नहीं? सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट होने पर भी शासन स्तर पर भू उपयोग परिवर्तन के लिए पहल क्यों नहीं की गई।

फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस

बिना नक्शे के निर्माण कराने पर फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस दे रहे हैैं। पुराने समय में जिसकी तैनाती थी, उसकी भी जांच कराई जा रही है। बिना नक्शे के निर्माण रोका जाना चाहिए। शासन स्तर से भू उपयोग परिवर्तन होने के तुरंत बाद नक्शा पास कर दिया जाएगा।

मनमोहन चौधरी, एडीए वीसी

निर्माण से पहले ही नक्शे के लिए आवेदन

जेके प्रबंधन पहले दिन से ही नक्शा पास कराने को तैयार है, लेकिन भू उपयोग परिवर्तन का हवाला देकर एडीए नक्शा पास नहीं कर रहा। निर्माण से पहले ही नक्शे के लिए आवेदन किया था। आज तक पास नहीं हुआ।

नवनीत सिंह, लारनिंग ऑफिसर, जेके सीमेंट वक्र्स


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