Aligarh news : आगरा जैसा हादसा अलीगढ़ में भी हो सकता है, अस्पतालों में आग बुझाने के नियमों पर फिर रहा पानी
Aligarh news आगरा के शाहगंज इलाके में स्थित अस्पताल में बुधवार को आगजनी की घटना में तीन लोगों की जान चली गयी। वहीं अलीगढ़ की बात करें तो यहां आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। सवाल उठता है कि यहां आगरा जैसी घटना हुई तो क्या होगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh news : आगरा के शाहगंज स्थित आर मधुराज अस्पताल में बुधवार को आग लगने से तीन लोगों की मौत के बाद जिले में भी अस्पतालों में आग से बचाव के इंतजाम की पड़ताल की गई। इसमें सामने आया कि निजी अस्पतालों के साथ ही सरकारी में भी आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिले के सबसे प्रमुख जिला अस्पताल, महिला चिकित्सालय व दीनदयाल अस्पताल में पर्याप्त अग्निशमन यंत्र तक नहीं हैं। निजी अस्पतालों का तो इनसे भी बुरा हाल है। अधिकतर अस्पताल बिना इंतजामों के ही संचालित हो रहे हैं। अगर किसी दिन कोई हादसा हुआ तो जान बचाते नहीं बचेगी।
आग बुझाने के इंतजामों की समीक्षा में खुली पोल
जिले में मलखान सिंह जिला अस्पताल, मोहन लाल गौतम महिला चिकित्सालय और पंडित दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय में रोजाना हजारों मरीज आते हैं। सैकड़ों मरीज भर्ती रहते हैं, लेकिन आग बुझाने के इंतजामों की समीक्षा की जाए तो सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे। इन तीनों में से किसी भी अस्पताल में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं हैं। इमरजेंसी समेत कुछ स्थानों पर अग्निशमन विभाग के यंत्र जरूर लगे हैं, लेकिन यह भी मानकों के हिसाब से काफी कम हैं। कई स्थानों पर तो यह यंत्र भी बेकार हो चुके हैं।
निजी अस्पतालों का भी बुरा हाल
सरकारी अस्पतालों के साथ ही जिले में करीब 400 से अधिक निजी अस्पताल भी स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। इनमें से अधिकतर अस्पताल शहरी क्षेत्र में संचालित हैं, लेकिन अगर कुछ अस्पतालों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं हैं। सबसे अधिक बुरा हाल धनीपुर मंडी से लेकर बौनेर तिराहे तक संचालित अस्पतालों का है। यहां करीब एक दर्जन अस्पताल हैं, लेकिन अधिकतर आग बुझाने के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। अनूपशहर रोड, गौंड़ा रोड व रामघाट रोड के अस्पतालों का भी यही हाल है। अगर किसी दिन इन अस्पतालों में कोई हादसा हुआ तो जवाब देते नहीं बनेगा।
नोटिस देकर खाना पूर्ति
निजी अस्पतालों में आग बुझाने के इंतजामों को लेकर कई बार अग्निशमन विभाग ने अभियान चलाया है, लेकिन अफसर महज नोटिस देकर ही खाना पूर्ति कर देते हैं। यही हाल एडीए का है। एडीए की ओर से भी आग से असुरक्षित भवनों का सर्वे किया है। इनमें अस्पताल भी शामिल हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग नोटिस देकर खानापूर्ति कर देते हैं।
इनका कहना है
अस्पतालों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजामों को लेकर कई बार बैठक कर निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अग्निशमन विभाग ने भी सर्वे किया है। अग्निशमन विभाग की एनओसी होने पर ही निजी अस्पतालों का पंजीकरण होता है। पोर्टल पर बिना एनओसी के पंजीकरण नहीं होता है।
- डा. नीरज त्यागी, सीएमओ
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