अलीगढ़ में एआरपी भी जल्द भेजे जाएंगे मूल विद्यालय
सरकारी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता के अनुश्रवण व सुधार के लिए इनकी तैनाती की गई थी। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही एआरपी बनाया गया था।
जासं, अलीगढ़ : कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में तैनात अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को जल्द ही उनके मूल विद्यालयों में भेजा जाएगा। सरकारी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता के अनुश्रवण व सुधार के लिए इनकी तैनाती की गई थी। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही एआरपी बनाया गया था।
जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल हैं। 12 ब्लाक व एक नगर क्षेत्र समेत हर जगह चार से पांच एआरपी तैनात किए गए थे। जिले में करीब 63 एआरपी की तैनाती है। एआरपी बनने के लिए शिक्षकों ने आवेदन किए थे। उनको जिम्मेदारी दी गई थी कि स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे, उसका अनुश्रवण करेंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार एआरपी निरीक्षण करने का काम भी करने लगे। इस पर आपत्ति लगी तो अफसरों ने रोक लगाई। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि कुछ ब्लाक में एआरपी अपना मूल काम न कर राजनीति कर रहे हैं। इसलिए सभी एआरपी को उनके मूल विद्यालयों में भेजने के संबंध में हाईकोर्ट ने भी आदेश दिए हैं। एआरपी बने शिक्षकों को इस ड्यूटी से कार्यमुक्त कर केवल पढ़ाने के लिए उनके विद्यालय भेजने की कवायद की जाएगी। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि हाईकोर्ट की ओर से आदेश किए जाने की जानकारी मिली है। शासन की ओर से स्पष्ट आदेश आने के बाद ही व्यवस्था को नए सिरे से अमल में लाया जाएगा, तब तक ऐसी ही काम कराया जाएगा। व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।