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अलीगढ़ की आरती ने जज्बे से तोड़ी बंदिशों की बेडिय़ां

अगर दिल में मुकाम हासिल करने का जुनून हो तो तमाम बंदिशों व अड़चनों के बाद भी सफलता कदम चूमती हैं। ऐसी ही मिसाल श्रीनगर कॉलोनी क्वार्सी बाइपास निवासी 23 वर्षीय क्रिकेटर आरती सिंह

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 09:59 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 01:42 PM (IST)
अलीगढ़ की आरती ने जज्बे से तोड़ी बंदिशों की बेडिय़ां
अलीगढ़ की आरती ने जज्बे से तोड़ी बंदिशों की बेडिय़ां

अलीगढ़ (गौरव दुबे)।  अगर दिल में मुकाम हासिल करने का जुनून हो तो तमाम बंदिशों व अड़चनों के बाद भी सफलता कदम चूमती हैं। ऐसी ही मिसाल श्रीनगर कॉलोनी, क्वार्सी बाइपास निवासी 23 वर्षीय क्रिकेटर आरती सिंह ने पेश की है। बेटी की फिक्र में सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त पिता सूरज पाल सिंह ने उसको बाहर नहीं भेजा। खेल से दूरी बनाकर पढ़ाई में मन लगाने का दबाव भी डाला। दो साल खेल बंद भी रहा। मगर बेटी ने तो राष्ट्रीय टीम में खेलने का सपना संजो लिया था। इस सपने को पूरा करने की दौड़ में 24 वर्षीय आरती ने पहला मील का पत्थर स्थापित करते हुए यूपी की सीनियर टीम में जगह बनाई। रणजी मुकाबला भी खेला। अब कानपुर में रहकर नेशनल टीम में चयन की तैयारी कर रही हैं।

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अकादमी में अकेली थी लड़की
2012 में क्रिकेट की पिच पर पहला कदम वाली आरती तेज गेंदबाज के तौर पर आईं थीं। थ्री डॉट्स स्कूल में शिक्षक व कोच शीलेंद्र शर्मा ने उनमें बल्लेबाजी का हुनर भांप लिया। उन्होंने इस खिलाड़ी की दिशा बदल दी। आरती बताती हैं कि उस समय अकादमी में वो अकेली लड़की थीं। पापा को पता चला कि इंटर डिस्ट्रिक्ट या स्टेट टूर्नामेंट खेलने बाहर जाना पड़ेगा तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। अब्दुल क्रिकेट अकादमी में आकर भी सीखने को मना किया। उन्होंने अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। 2014 में क्रिकेट बिल्कुल बंद करा दिया। यूपीसीए के कैंप में नाम आता था मगर पापा भेजते नहीं थे। पांच भाई-बहन में दो बहनों की शादी हो गई। दो भाई पढ़ रहे हैं।

साथियों ने निभाया साथ
2016 में साथियों ने साथ दिया और मौका दिलाया। प्रैक्टिस शुरू की। अचानक पापा ने कहा कि, बीपीएड करो। 2017 में एएमयू से छह महीने बीपीएड किया।

आखिरी मौका भुना लिया
2017 के अंत में पिता से आखिरी मौका मांगा, कहा अगर बेहतर परिणाम न मिले तो क्रिकेट छोड़ देंगे। कानपुर गए व सिंघानिया अकादमी में प्रैक्टिस की। मई में मध्यप्रदेश में हुए टूर्नामेंट में नॉट आउट 141 रन बनाए। 2019 में इंडिया टीम में खेली खिलाड़ी के एक ओवर में लगातार चार चौके जड़े जिस पर चयनकर्ताओं ने यूपी टीम में चयनित किया। 20 फरवरी से एक मार्च तक विदर्भ के खिलाफ हुई रणजी में 30 रन बनाए। अब कानपुर में रहकर नेशनल टीम में चयन के ट्रायल कैंप की प्रैक्टिस कोच नरेन, गुलशाद व दानिश के साथ कर रही हैं।

आरती ने मिसाल पेश की
अब्दुल क्रिकेट अकादमी के संस्थापक अब्दुल जब्बार का कहना है कि आरती ने यूपी की सीनियर महिला क्रिकेट टीम में चयनित होकर अभिभावकों व लड़कियों के लिए मिसाल पेश की है। दुआ है कि वो नेशनल क्रिकेट टीम में चयनित हो।


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