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Dev Deepawali : एक छोटी सी शुरुआत और लिख दी नई इबारत

शहर का हृदय कहे जाने वाले अचल सरोवर पर 19 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। देवोत्थान एकादशी के बाद देवतागण देव दीपावली मनाते हैं वह भगवान विष्णु की आरती करते हैं। शहर के बीचों बीच स्थित अचल सरोवर पर भव्य कार्यक्रम होता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 02:17 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 02:18 PM (IST)
Dev Deepawali : एक छोटी सी शुरुआत और लिख दी नई इबारत
शहर का हृदय कहे जाने वाले अचल सरोवर पर 19 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर का हृदय कहे जाने वाले अचल सरोवर पर 19 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। देवोत्थान एकादशी के बाद देवतागण देव दीपावली मनाते हैं, वह भगवान विष्णु की आरती करते हैं। शहर के बीचों बीच स्थित अचल सरोवर पर भव्य कार्यक्रम होता है। दीपों की रोशनी से अचल सरोवर नहा उठता है। अचल सरोवर की इस सुंदरता के पीछे प्रेरणादायी कहानी है। जिससे अचल भव्य और दिव्य होता चला गया।

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दैनिक जागरण ने शुरू की थी मुहिम

वर्ष 2015 में दैनिक जागरण ने अचल सरोवर, अटल धरोहर के नाम से मुहिम की शुरुआत की थी। इस मुहिम में लक्ष्य लिया गया था कि अचल सरोवर को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना है, जबकि इससे पहले अचल सरोवर गंदगी के आगोश में लिपटा रहता था। यहां पर सैकड़ों ट्राली कूड़ा रहता था। लोग यहां से निकलना भी पसंद नहीं करते थे, मगर दैनिक जागरण की अपील से पूरा शहर उमड़ पड़ा। अचल सरोवर सुंदर बना तो फिर भव्य महाआरती का आयोजन हुआ। एक दर्जन से अधिक बार सरोवर पर आरती हुई, जिसकी भव्यता देखते ही बनती थी। पूरा शहर इस आरती में उमड़ पड़ता था। देव दीपावली उत्सव को भी अच्छे से मनाया जाने लगा। अभियान को गति देने के लिए अचल सरोवर रक्षक दल का गठन किया गया। दल के माध्यम से सरोवर पर विभिन्न कार्यक्रम होने लगे।

परिक्रमा मार्ग के आसपास के लोग घरों पर दीपक जलाते हैं

देव दीपावली पर अचल सरोवर के घाटों को सजाया जाने लगा। हजारों दीपों से अचल का श्रृंगार किया जाता है। इसमें तमाम सामाजिक संगठन भी उतरकर कार्य करते हैं। अचल सरोवर के एक दर्जन के करीब घाटों पर मिट्टी के दीपक रखे जाते हैं। परिक्रमा मार्ग के आसपास रहने वाले लोग अपने घरों पर दीपक जलाते हैं। करीब हजारों दीपक एक साथ जलते हैं तो अचल सरोवर की सुंदरता देखते ही बनता है। चारों ओर भव्य स्वरुप दिखाई देता है, जमकर आतिशबाजी की जाती है। यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। इसी के साथ अचल सरोवर रक्षक दल के कार्यकर्ता भी लगातार परिक्रमा लगा रहे हैं। वह परिक्रमा के माध्यम से लोगों में अलख जगा रहे हैं। जनजन तक अचल सरोवर की खूबसूरती को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अभियान का परिणाम रहा कि अचल सरोवर को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत ले लिया गया। 52 करोड़ रुपये की लागत से सरोवर को भव्य बनाया जा रहा है। चारों ओर फुटपाथ बनाया जा रहा है, जिसपर लोग टहल सकेंगे। विशाल शिवजी की प्रतिमा होगी, जिसका दर्शन अभिभूत करने वाला होगा। चारों ओर हरियाली का ध्यान दिया जाएगा। वोटिंग की व्यवस्था होगी। घाटों को भव्य बनाया जाएगा। पर्यटकों के लिए खास सुविधा की जाएगी। सरोवर का निर्माण होने के बाद इसकी खूबसूरती देखते ही बनेगी। 2015 में छोटे सा अभियान इतना विशाल स्वरुप ले सकेगा इस बारे में किसी को पता नहीं था।


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