Coronavirus Lockdown 4 News : बीमारी से अचानक मृत व्यक्ति माना जाएगा corona infected,हॉटस्पॉट क्षेत्र में एक और मौत
अब बीमारी से ग्रस्त किसी मरीज की अचानक मौत होती हो तो उसे कोरोना संक्रमित मानते हुए दाह-संस्कार किया जाएगा। उसके स्वजनों व संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।
अलीगढ़[जेएनएन]: अब बीमारी से ग्रस्त किसी मरीज की अचानक मौत होती हो तो उसे कोरोना संक्रमित मानते हुए दाह-संस्कार किया जाएगा। उसके स्वजनों व संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। सोमवार को सासनी गेट लोधी विहार में एक व्यक्ति की बीमारी से मौत के बाद यही कार्रवाई की गई। श्मशान गृह में बेटे को पिता की चिता को मुखाग्नि देने के लिए पीपीई किट दी गई। बाद में बेटे को दीनदयाल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। सैंपल भी लिया गया।
अचानक मौत को माना जाएगा कोरोना
कोरोना काल में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज या अस्पतालों में भर्ती कुछ मरीजों की मृत्यु हो रही है। ज्यादातर की कोविड-19 जांच पॉजिटिव पाई जा रही है। सरकार का मानना है कि जिन मरीजों की अस्पताल अथवा घर पर अचानक मौत हो रही है, उन्हें कोरोना संक्रमित मानते हुए सावधानी बरती जाए।
सासनी गेट का लोधी विहार सील
सासनी गेट लोधी विहार में बीमार व्यक्ति की मृत्यु की खबर मिलने पर स्वास्थ्य विभाग व पुलिस ने इलाके को सील कर दिया। दीनदयाल अस्पताल के सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि मृतक को कोरोना संक्रमित माना गया है, इसलिए उसके बेटे को सैंपल लेने के लिए यहां भर्ती कर लिया है।
कहीं भी कराइए कोरोना का इलाज
कोरोना संक्रमित मरीजों को सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में इलाज की बाध्यता खत्म कर दी गई है। यदि मरीज व उसके स्वजन खर्चा वहन करने में सक्षम में है तो पसंद के निजी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं। शर्त ये है कि निजी अस्पताल में आइसोलेशन की सुविधा हो। बायो मेडिकल कचरे का प्रबंधन व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था हो। विशेषज्ञ व ट्रेंड स्टाफ भी अनिवार्य होगा।
दो और निजी लैबों में कोरोना की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने रामघाट रोड स्थित एसआरएल लैब व बर्फखाना रोड स्थित मॉडर्न डायग्नोस्टिक सेंटर को कोविड-19 जांच के लिए अधिकृत कर दिया है। अभी तक निजी क्षेत्र में केवल लाल पैथोलॉजी लैब में ही यह जांच हो रही है। निजी लैबों में जांच के लिए 4500 रुपये शुल्क है।
बच्ची का घर पर होगा इलाज
सराय मानङ्क्षसह में सात वर्षीय बच्ची के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे घर पर ही इलाज की अनुमति दी गई है। बच्ची डेढ़ साल से बिस्तर पर है, उसके पैर में गंभीर जख्म होने के कारण वजन रखकर रोका हुआ है। सीएमओ ने बताया कि मानवीय आधार पर बच्ची का घर पर ही इलाज होगा। बच्ची की पिता अतरौली में भर्ती है। स्वजनों को जरूरी मोबाइल नंबर दिए गए हैं, जिन पर वे बच्ची को कोई भी समस्या होने पर 24 घंटे सूचित कर मदद पा सकते हैं।