अलीगढ़ में सांझी संस्कृति का गुलदस्ता ग्रीन पार्क
यहां रहने वालों ने भी इससे इतनी मोहब्बत की कि इस पर पूरी कविता ही लिख डाली। जाति-धर्म का भेद तो है ही नहीं।
अलीगढ़ (जेएनए)। 'सारे जहां से अ'छा ङ्क्षहदुस्तान हमाराÓ मोहम्मद इकबाल ने इस पंक्ति के माध्यम से देश की खूबसूरती को जो बयां किया, उसे हर शख्स ने अपने दिलों में बसा लिया। इस रचना की हर पंक्ति देश प्रेम की भावना को प्रकट करती है, जब आप किसी से प्रेम करते हैं तो ऐसा ही होता है। अलीगढ़ में एटा-क्वार्सी बाइपास स्थित ग्रीन पार्क अपार्टमेंट भी कुछ इसी तरह का है। यहां रहने वालों ने भी इससे इतनी मोहब्बत की कि इस पर पूरी कविता ही लिख डाली। जाति-धर्म का भेद तो है ही नहीं। एक दूसरे की संस्कृति में रम जाना और दुख-सुख में साथ निभाना यहां की मिसाल है। माहौल ऐसा कि गीत-संगीत की बयार भी बहती है। कई ब'चों से लेकर बड़े तक हुनरबाज हैं। जब महफिल सजती है तो समां बंध जाता है।
... और सभी मस्त हो गए
ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में जब आप प्रवेश करेंगे तो गार्ड सुभाष से आपका सामना होगा। किस फ्लैट में जाना है, दर्ज कराना होगा। दैनिक जागरण की टीम जब दाखिल हुई तो 27& में से 211 फ्लैट में रहने वाले लोगों के हरियाली प्रेम का एहसास हर फ्लैट की शोभा बढ़ा रहे गमलों से हुआ। कुछ ही देर में फ्लैट में रहने वाली महिलाएं, ब'चे व बुजुर्ग एक हॉल में एकत्र हो चुके थे। बातों ही बातों में उनसे ढेरों जानकारियां मिलीं। शाम को पार्क में खेलकूद में सभी मस्त हो गए।
ये है यहां के सिकंदरः बांसुरी से घोलते हैं मिठास
ग्रीनपार्क के डायरेक्टर संजीव पाराशर उम्दा कलाकार हैं। हर किसी को उनकी मधुर बांसुरी की तान सुनने को मिल जाती है। सभी को खूब गुदगुदाते हैं और मिलकर मस्ती करते हैं। 12 साल से बांसुरी बजाने का शौक है। यू-ट्यूब पर भी वीडियो मिल जाएंगे।
डांस और गायन के मास्टर
बी ब्लॉक के हनी वाष्र्णेय की बेटी काव्यांशी नृत्य में माहिर हैं। उन्होंने अपना हुनर दिखाया भी। सी ब्लॉक निवासी विशाल वाष्र्णेय के पुत्र विनीत वाष्र्णेय भी मधुर आवाज के जादूगर हैं। उनका गाना भी सभी को भाया।
कवि भी
यहां के एसोसिएट प्रोफेसर यूसी शर्मा ने तो ग्रीन पार्क पर 'ये है ग्रीन पार्क, प्यारा ग्रीन पार्कÓ नाम से कविता की रचना कर दी है। कल्चर को बयां करती यह कविता ग्रीन पार्क के पूरे नक्शे को भी प्रदर्शित करती है।
बेटा भी कम नहीं
संजीव पाराशर के बेटा पार्थ गायकी के फनकार हैं। उन्होंने कलंक फिल्म का गीत 'हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगेÓ को सुनाकर कला का प्रदर्शन भी किया। यू-ट्यूब पर उनकी आवाज का जादू छा रहा है। गिटार भी बजाते हैं।
मिमिक्री
संजय अग्रवाल की पत्नी संगीता मिमिक्री से सभी को हंसाती हैं। मिमिक्री यहीं सीखी। कहती हैं मुझे तो यह छोटा-सा संसार लगता है। मेरे अंदर छिपी प्रतिभा खुलकर बाहर आई।
सोसायटी के हनुमान
डी ब्लॉक में रहने वाले अनूप गुप्ता यहां के हनुमान हैं। सबके दुलारे हैं। सारे कार्यक्रमों की जिम्मेदारी ये ही संभालते हैं। सभी के साथ शाम को मस्ती करते हैं। एंकङ्क्षरग ये ही करते हैं।
ये भी रहे मौजूद
रश्मि राठी, प्रीति माथुर, कंचन वाष्र्णेय, संगीता गुप्ता, राकेश अग्रवाल, तरुण वाष्र्णेय, कैलाश चंद्र वाष्र्णेय, डॉ. राकेश राठी, मोनिका वाष्र्णेय, नेहा अग्रवाल, नीलम पाराशर, अनुपम वाष्र्णेय, रेखा अग्रवाल, चीनू वाष्र्णेय आदि लोग भी यहां मौजूद रहे।
ग्रीनपार्क की शान
अपार्टमेंट में कई उद्योगपति व डॉक्टर भी रहते हैं। यहां का वातावरण व पारिवारिक परिवेश उन्हें खूब भाता है। यहां अभिषेक वाष्र्णेय (श्री शंकर इस्पात), पवन गुप्ता (छर्रा), अंशुमान अग्रवाल (इंडियन डाईकास्टिंग) प्रदीप शर्मा, (एनआरआइ), देव अग्रवाल व सुमित अग्रवाल (देव मोटर्स), राजीव अग्रवाल, गोविंद राठी (रिद्धिमा एक्सपोर्ट), डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. नमृता, राजीव राठी और मिक्की राठी (राठी ज्वेलर्स) आदि ग्रीन पार्क में रहते हैं।
मेधावी भी हैं यहां
यहां कला-संस्कृति की विरासत तो दिखती ही है, ब'चे भी पढऩे में पीछे नहीं हैं। स्फूर्ति अग्रवाल ने इस बार सीबीएसई हाईस्कूल परीक्षा में 96.2 फीसद अंक प्राप्त किए हैं।
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