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अलीगढ़ में पुलिस की मेहरबानी से हाथ से फिसला हिस्ट्रीशीटर

बबलू का पुलिस से नजदीकी संपर्क रहा है। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो सख्ती करने की बजाय उसे हल्के में लिया। बिना हथकड़ी कार में लाया गया। उसे फोन भी रखने दिया। इसी बीच बबलू ने अपने साथी जगदीश को फोन कर दिया तब भी पुलिस चुप रही।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 09:19 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 07:50 AM (IST)
अलीगढ़ में पुलिस की मेहरबानी से हाथ से फिसला हिस्ट्रीशीटर
आरोपी के भागने के बाद साथी थाने से उसकी गाड़ी भी ले गया। इसकी भी जांच की जा रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना इगलास में कानपुर के विकास दुबे कांड के बाद पुलिस जब पूरी सतर्कता के दावे कर रही है, तब हिस्ट्रीशीटर बबलू प्रधान कुछ ही घंटों के अंदर दो बार पुलिस के हाथों में आने के बाद कैसे भागा? उसके भागने के बाद साथी थाने से गाड़ी कैसे ले गया, पुलिस ने उसे क्यों नहीं रोका। तमाशबीन की तरह क्यों खड़ी रही? मामले में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के सवाल उठ रहे हैैं।

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पुलिस चुप रही

बबलू का पुलिस से नजदीकी संपर्क रहा है। इसी वजह से जब पुलिस ने उसे पकड़ा, तो सख्ती करने की बजाय उसे हल्के में लिया। बिना हथकड़ी के कार में लाया गया। उसका फोन भी पास में ही रहने दिया। एसआइ शक्ति राठी कार चला रहे थे। इसी बीच बबलू ने अपने साथी जगदीश को फोन कर दिया, तब भी पुलिस चुप रही। थाने में अंदर आते ही वह कार से उतरा और लघुशंका के बहाने पीछे की दीवार फांदकर भाग गया। एक अपराधी इस तरह भागा लेकिन पुलिस सतर्क न हुई। पांच मिनट बाद बबलू का साथी जगदीश पैदल ही थाने आया। गेट पर उसे रोका नहीं गया। वह अंदर गया और स्कॉर्पियो लेकर निकल गया। बबलू और गाड़ी समेत जगदीश के फरार होने की सूचना उ'चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद थाना पुलिस सक्रिय हुई। इसके बाद ही जिलेभर में नाकेबंदी की गई।

दो घंटे बाद सूचना मिली कि मंगलायतन विश्वविद्यालय के सामने पेट्रोल पंप पर वही स्कॉर्पियो है, जो थाने से जगदीश ले गया था। लैपर्ड पर तैनात दो पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए। वहां जगदीश और बबलू तीन अन्य साथियों के साथ थे। एक पंप पर गाड़ी में डीजल भरवा रहे थे। लैपर्ड कर्मी बबलू को नहीं पहचान पाए। गाड़ी के बारे में पूछताछ करने पर बबलू व जगदीश की पुलिस से गर्मागर्मी हुई। इसी बीच गांव के कुछ लोग भी आ गए। मौका देख पुलिस पर हमला बोल दिया गया। इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिसकर्मियों से मारपीट की। बबलू इस बीच फरार हो गया। घटना की जानकारी पर एसपी देहात अतुल शर्मा के नेतृत्व में इगलास थाना प्रभारी प्रवीन कुमार मौके पर पहुंचे। वहां से पुलिस जगदीश व तीन लोगों को पकड़कर थाने ले आई। कार भी बरामद कर ली, जिससे तमंचा व कारतूस मिला है।

क्यों छोड़ी कार में चाबी

जब पुलिसकर्मी बबलू को लेकर थाने पहुंचे तो उसे हवालात में ना ले जाकर खुला रखा गया। कार जब्त नहीं की। उसमें से चाबी भी नहीं निकाली। इसी के चलते दूसरा साथी आया और कार लेकर भाग निकला।

पांच साल पहले भी भागा था बबलू

वर्ष 2015 में पूर्ति विभाग की ओर से छापेमारी की गई थी। गोदाम से नकली बिटूमिन तैयार करने संबंधी उपकरण बरामद हुए थे। इस दौरान बबलू को मौके से पकड़ लिया था, जिसे जिला पूर्ति अधिकारी ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। लेकिन, बबलू थाने से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसे दो दिन पकड़ा गया था। इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया था।

चार माह से था वांछित

बबलू के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हैं। गांव मोहकमपुर में बबलू अपने घर पर अवैध तेल व शराब का कारोबार चला रहा था। 18 मार्च को एसपी ग्रामीण अतुल शर्मा के नेतृत्व में जिला पूर्ति अधिकारी व आबकारी विभाग की टीम ने छापा मारा था। यहां से महेंद्रा ट्रैक्टर-ट्राली से 14 ड्रम, बाहर खड़ी बोलेरो गाड़ी से छह ड्रम, बरामदे में रखी 33 कैन बरामद की थीं। इनमें 6160 लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट भरी हुई थी। परिसर में खड़ी फा'र्यूनर गाड़ी की डिग्गी से 42 पौवा क्रेजी रोमियो, 52 पोवा 8 पीएम शराब के बरामद हुए थे। मौके से इसके जगदीश निवासी मोहकमपुर को अवैध तमंचा के साथ पकड़ा था। तब से बबलू वांछित चल रहा था।

पत्नी है जिला पंचायत सदस्य

आरोपित बबलू सिंह वर्तमान में गांव मोहकमपुर का प्रधान है। इसकी पत्नी नीरज देवी जिला पंचायत सदस्य है। बबलू के खिलाफ कोतवाली में दस मुकदमें पंजीकृत हैं। थाने के टॉप 10 अपराधियों की सूची में उसका नाम है।

कार बरामद हो गई

बबलू के राइट हैंड जगदीश को गिरफ्तार कर लिया है। तीन अन्य लोग भी हिरासत में हैं। थाने से जगदीश ही कार लेकर भागा था। कार बरामद हो गई है। जगदीश व उसके साथियों ने पुलिस से अभद्रता व मारपीट की। इसमें सरकारी कार्य में बाधा डालने, रास्ता रोकने, मारपीट करने व मजामत की धारा में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

अतुल शर्मा, एसपी देहात

बबलू पर ये दर्ज हैं मुकदमे

114/20- धारा 60, 63, 72

116/20- धारा 3/7 ईसी एक्ट

743/18- धारा 3/7 ईसी एक्ट

322/18- धारा 3/7 ईसी एक्ट

49/16- धारा 307, 452, 504, 506

382/15- धारा 3/7 ईसी एक्ट

381/15- धारा 147, 332, 353

498/13- धारा 147, 148, 149, 307, 506

376/12- धारा 302, 504

696/19- धारा 498ए, 304बी, 248ए, 147, 504, 307

कब क्या हुआ

11.00 बजे मोहकमपुर मोड़ पर बबलू को पुलिस ने पकड़ा

11.44 बजे थाने लाया गया

11.45 बजे दीवार फांदकर भाग गया

11.50 बजे बबलू का साथी जगदीश गाड़ी लेकर थाने से भाग गया

2.00 बजे मंगलायतन विश्वविद्यालय के पास दोनों पुलिस को मिले

2.02 बजे बबलू भाग गया, जगदीश पकड़ लिया

थाने में दोबारा आया था बबलू, कार लेकर भागा!

इस घटना के बाद पुलिस सवालों से घिर गई है। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। चर्चाएं खूब होने लगीं। कुछ लोगों का कहना है कि एक बार भागने के बाद बबलू दोबारा दीवार फांदकर थाने में आया था। फिर बबलू ही कार लेकर थाने से भागा। ये भी कहा जा रहा है कि बबलू को कोतवाल के सामने पेश भी कर दिया था। इसके बावजूद भाग निकला। हालांकि अधिकारियों ने इससे साफ इन्कार किया है।

पुलिस पर सवाल

-बबलू की गिरफ्तारी के बाद फोन क्यों नहीं ले लिया।

-बबलू लघुशंका को गया तो पुलिसकर्मी साथ क्यों नहीं गए।

-पुलिस ने थाने में गाड़ी में चाबी क्यों लगी रहने दी।

-दोबारा गाड़ी दिखने पर पुलिस ने फिर चाबी क्यों नहीं ली।


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