अलीगढ़ की एक ग्राम पंचायत काे मिला सफाई के लिए पुरस्कार, लेकिन यहां गंदगी की भरमार Aligarh news
मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार पाने वाली ग्राम पंचायत का बुरा हाल।
अलीगढ़ [जेएनएन] गलियों में हिलोरें मारता गंदा पानी, कीचड़ से लबालब सड़क, कभी न साफ हुईं नालियां और आधे-अधूरे बने शौचालय। ये हाल हैै मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार पाने वाली ग्राम पंचायत ब्लॉक गौंडा की ग्राम पंचायत ढ़ाटौली का।ग्रामीणों से दैनिक जागरण ने विकास पर चर्चा की तो सबका एक ही जवाब था कि आखिर प्रधान ने किया क्या है?
19 ग्राम पंचायतों ने किया था आवेदन
ग्राम पंचायत ढांटौली में कुमरपुर, बेर नगरिया, शेखपुर, पचावरी, निठावरी, भौरे की नगरिया, धीरा नगला जुड़ते हैं। इस ग्राम पंचायत को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत तीन लाख रु पये की धनराशि दी गई है। यह पुरस्कार पिछले पांच वर्ष में बेहतर काम करने वाली पंचायतों को दिया जाता है। योजना के तहत जिले की 19 ग्राम पंचायतों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। जिलास्तरीय कमेटी ने इन सभी आवेदनों को परीक्षण कर शासन को संदर्भित किया था। विकास कार्यों पर बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान ने सिर्फ अपने चहेतों के सामने ही विकास कार्य कराए हैैं। जहां नरकीय हालात हैैं, वहां ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। शीला, इंदू आदि ने बताया कि गांव में आज भी बहुत से लोगों के यहां शौचालय नहीं हैैं। तमाम पात्रों को वृद्धा व विधवा पेंशन नहीं मिल रही। सफाई कर्मचारी तो कभी गांव में आता ही नहीं है।
प्रधान के बोल
पिछले 60 वर्ष से ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं हुए थे। प्रमुखता के आधार पर विकास कराया जा रहा है। तमाम गलियों के एस्टीमेट तैयार हैैं, टेंडर होने बाकी रह गए हैं। खाते में पैसा भी है। जल्द ही यह कार्य हो जाएंगे। आठ गांवों के बीच एक सफाई कर्मचारी है। एक सप्ताह में एक दिन गांव में जाता है। विद्यालय भी उसे ही साफ करने होते हैं। जो पात्रता के श्रेणी में नहीं हैैं, उनके शौचालय नहीं बने हैं। कैलाशी देवी, ग्राम प्रधान
ग्रामीणों के बोल
कुमरपुर के अमित कुमार का कहना है कि कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। प्रधान से कई बार कहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बस कागजों में विकास हो रहा है। साथ ही ढ़ाटौली के कलुआ पहलवान ने बताया लडूरा मुहल्ले के रास्ते का हाल बुरा है। प्रधान ने एक ईंट नहीं लगाई। रास्ता निकलना मुश्किल है। बारिश होने पर और बुरे हालात हो जाते हैं। वहीं ढाटौली के ही बिजेन्द्र सिंह का कहना है कि गांव में विकास कार्य न होने की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रास्तों का हाल बेहाल है।