अलीगढ़ में किसान बनेंगे अब डायरेक्टर, अच्छे दामों में खुद बेचेंगे अपना उत्पाद
किसान अब खुद तय करेंगे अपनी फसल के दाम।
अलीगढ़ : चेहरे पर झुर्री व माथे पर पसीने के साथ चिंता की लकीर की पहचान से किसान को अब उबारा जाएगा। सरकार की ओर से कॉरपोरेट सेक्टर में बहुराष्ट्रीय कंपनी की तरह फूड प्रोसेसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) बनाया जा रहा है। इसमें किसान अपना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बनाकर पंजीकृत कंपनी बनाएगा। इसके बाद कृषि के लिए जरूरत के सामान से लेकर उत्पाद बेचने तक खुद काम संभालेंगे। सदस्य किसान डायरेक्टर कहलाएंगे। इसमें किसानों के एकत्रित फंड के बराबर सरकार आर्थिक मदद देगी।
अक्सर कर्ज लेकर जैसे-तैसे फसल तैयार करने वाले किसान को जब फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिलता है, तो वह घाटे में चला जाता है।
ऐसे बनेगी कंपनी : एक हजार किसानों में 10-10 किसानों को मिलाकर समूह के रूप में कंपनी एक्ट के तहत पंजीकरण कराकर कंपनी बनाएंगे। इसमें एक ग्रुप में एक ही तरह की फसल करने वाले किसान लिए जाएंगे। एक हजार किसानों से एक-एक हजार रुपये एकत्रित कर दस लाख रुपये की पूंजी खुद जुटाएंगे। सरकार इस ग्रुप को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद कारोबार करने के लिए देगी। किसान फसल और उससे प्रोसेस कर उत्पाद बनाकर बेच सकेंगे। इस पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाएगी। किसान अपनी कंपनी टैग लगाकर कच्चा माल या उत्पाद बेच सकेंगे। इससे बिचौलियों से बच सकेंगे। ये फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगा सकेंगे। खाद-बीज उपलब्ध कराएंगे : कृभको व इफको से खाद खरीदकर उपलब्ध कराएंगे। इसी तरह बीज और कीटनाशक भी रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि उत्पाद खरीद कर उन्हें अच्छे भाव दिलाएंगे। किसानों को रियायती दर पर खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराए जाएंगे। ये होंगे शामिल : खाद्यान्न, तिलहनी और औद्यानिक खेती करने वाले किसान शामिल किए जाएंगे। इसमें धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, सरसों, तिल के अलावा आलू व अन्य सब्जियों के अलावा बागवानी करने वाले किसानों के ग्रुप बनाए जाएंगे, यानी कि जो किसान एक जैसी फसल करते हैं।
जिला उद्यान अधिकारी एनके साहनिया ने बताया कि सरकार की यह योजना अच्छी है। इससे किसान अपना उत्पाद अच्छे दामों में बेच सकेंगे। सरकार उन्हें आर्थिक मदद भी देगी।