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'कलरथॉन' के लिए चित्रकारों ने उकेरे प्रतिभा के रंग

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : चित्रकला प्रतियोगिता 'कलरथॉन' की आर्ट स्क्रीनिंग में रविवार को चार

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Apr 2018 04:29 PM (IST)Updated: Mon, 09 Apr 2018 04:29 PM (IST)
'कलरथॉन' के लिए चित्रकारों ने उकेरे प्रतिभा के रंग
'कलरथॉन' के लिए चित्रकारों ने उकेरे प्रतिभा के रंग

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : चित्रकला प्रतियोगिता 'कलरथॉन' की आर्ट स्क्रीनिंग में रविवार को चार आयु वर्गो में 665 चित्रकारों ने चित्रकारी का हुनर दिखाया। विजडम पब्लिक स्कूल सीनियर विंग में कला के महारथियों ने ड्राइंग शीट्स पर एक से बढ़कर एक कृतियों को उकेरा। तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल कलाकृतियों का निरीक्षण कर रहा है। इनमें से चयनित होने वाले उत्कृष्ट 100 प्रतिभागी 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस पर होने वाली 'कलरथॉन' प्रतियोगिता में भाग लेंगे। दैनिक जागरण व कस्तूरी कला एजुकेशन सोसाइटी की ओर से 'कलरथॉन' प्रतियोगिता कराई जा रही है। रविवार को कस्तूरी सोसाइटी के निदेशक व चित्रकार शिवाशीष शर्मा ने आर्ट स्क्रीनिंग में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होने बताया कि ए समूह में कक्षा छह से आठ, बी में कक्षा नौ व 10वीं, सी में 11वीं व 12वीं और डी में 14 से 30 वर्ष तक के प्रतिभागियों ने स्क्रीनिंग दी। दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल ने चित्रकारों का उत्साहवर्धन किया। स्कूल के सहायक निदेशक नितिन अग्रवाल ने दैनिक जागरण व कस्तूरी कला सोसाइटी की पहल की प्रशंसा की।

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चित्रकारों के बोल

अपनी फीलिंग को कागज पर उकेरने की कला है ड्राइंग। पहली बार स्क्रीनिंग का हिस्सा बनकर अच्छा लगा। एग्जिबीशन में प्रतिभाग करना सपना है।

नैना शर्मा कला ऐसा हथियार है, जिससे समाज को आईना दिखाया जा सकता है। कई चीजें फोटोग्राफी से नहीं दिखाई जा सकतीं। उसके लिए ड्राइंग जरूरी है।

नवनीत कुमार आर्ट पैशन है, इसी में फ्यूचर बनाना है। पढ़ाई से थककर मूड फ्रेश करने को ड्राइंग करती हूं। ड्राइंग क्रियाशीलता दर्शाती है। बढि़या प्रतियोगिता है।

दिव्या भारद्वाज विचार दर्शाने का जरिया है चित्रकारी। फोटोग्राफी व चित्रकारी में जमीन आसमान का फर्क है। इस प्रतियोगिता के लिए दैनिक जागरण को धन्यवाद।

राजन सिंह प्रतियोगिता में ड्राइंग करने से हुनर और निखरता है। ये हुनर निखारने का काम दैनिक जागरण ने किया है। ड्राइंग को भी तवज्जो मिलनी चाहिए।

आर्यन प्रताप सिंह मूड फ्रेश करने को आर्ट से बेहतर कोई जरिया नहीं है। जो दिमाग में सोचो, उसी को कागज पर बनाना होता है। इससे सोचने का नजरिया निखरता है।

राधिका

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प्रधानाचार्य व निदेशक के बोल

कला के शौकीन बच्चों को आगे बढ़ने में ये प्रतियोगिता प्रेरणादायी है। ड्राइंग बुद्धि को प्रखर बनाती है। दैनिक जागरण की शानदार पहल है। प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन प्लेटफार्म है।

निर्मल अग्रवाल, प्रिंसिपल, विजडम पब्लिक स्कूल कलरथॉन केवल रंगों व ब्रश की नहीं बल्कि बौद्धिक क्षमता की प्रतियोगिता है। पहला चरण है दृश्य सोचना। दृश्य सोचते ही ड्राइंग शुरू हो जाती है। शीट पर ड्राइंग करना दूसरा चरण है। ये खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका है।

अनूप गुप्ता, निदेशक, विजडम पब्लिक स्कूल प्रतियोगिता कराने में रहे सक्रिय

प्रतियोगता में स्कूल की मीनू गुप्ता, श्रद्धा, रेखा, कविता, पूनम फहीम, आमिर सिद्दीकी, निधि शर्मा, रंजू गुप्ता, रोशनी वर्मा, वंदना अग्रवाल, दीप्ति, सरिता, दीपिका, नीलू, प्रिया, मीनेश व कस्तूरी सोसाइटी के हिमांशु मित्तल गुप्ता आदि ने सहयोग किया।


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