अलीगढ़ में मैरिज होम व फार्म हाउस की 50 फीसद बुकिग निरस्त
कोरोना प्रोटोकॉल के चलते शादी समारोह वालों ने खींचे कदम फार्म हाउस व बैंक्वेट हॉल की जगह होटल आ रहे पसंद।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : कोरोना के नए प्रोटोकॉल ने तो मैरिज होम, फार्म हाउस व बैंक्वेट हॉल वालों का बैंड ही बजा दिया है। वर-वधू की ओर से कुल 100 मेहमान ही होने की कड़ी शर्त व प्रशासन की सख्ती से शादी वालों ने कदम खींच लिए हैं। 25 नवंबर को छोड़कर दिसंबर में होने वाली शादियों की बुकिग निरस्त हो रही हैं। 12 दिसंबर तक की आधी बुकिग अब तक निरस्त हो चुकी हैं। हबीब गार्डन, पारस ज्योति, फुलवारी, बसंत वाटिका, मस्कट फार्म हाउस, जैसे बैंक्वेट हॉल में ज्यादा जगह होने के बाद भी प्रशासन 100 मेहमानों की अनुमति दे रहा है, जबकि कोरोना प्रोटोकॉल में खुले मैदान में कुल भीड़ की 40 फीसद तक छूट का प्रावधान है। इस संदर्भ में जल्द व्यापारियों की बैठक होने जा रही है।
वैवाहिक आयोजन के लिए आयोजक को प्रशासन से 100 लोगों की अनुमति लेनी होगी। शादी-विवाह तथा अन्य समारोह में 100 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। बुकिंग निरस्त होने से बैंक्वेट हॉल वालों का इंटीरियर डेकोरेटर्स, फूल, कपड़ा, वेटर व अन्य कर्मचारियों को दिया गया एडवांस भी फंस गया है। थीम डेकोरेशन व इंटीरियर डेकोरेटर्स का काम न्यूनतम एक लाख रुपया से शुरू होता है। फूल व स्टेज की सजावट भी 50 हजार रुपये से शुरू होती है। लेजर लाइट वाले भी एक लाख रुपये काम शुरू करते हैं। कैटर्स व क्रॉकरी बाहर से मंगानी होती है। दिल्ली से आने वाले कारोबारी बुकिग के दौरान ही 40 फीसद पैसा एडवांस में लेते हैं। बुकिग निरस्त कराने वाले लोग होटल में शादी करना पसंद कर रहे हैं। देहात से संबंध रखने वाले अपने गांव में टेंट लगवाकर आयोजन कर रहे हैं।
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22 मार्च से हमारे कारोबार पर कोरोना संकट मड़रा रहा है। उम्मीद थी कि इस सहालग में हमारा कारोबार रफ्तार पकड़ेगा, मगर नए प्रोटोकॉल ने सभी अरमान धो दिए। फिर भी हम प्रशासन के साथ हैं। नई गाइड लाइन को लागू कराने के लिए प्रशासन से मांग की जाएगी। ग्राहक हमारा सहयोग कर रहा है।
पीयूष मित्तल, अध्यक्ष, अलीगढ़ बैंक्वेट हॉल व मैरिज होम एसोसिएशन
कोरोना के नए प्रोटोकॉल ने कारोबारियों का दम निकाल दिया। मेरी छह दिसंबर तक तीन बुकिग पारस ज्योति व एक रघुनाथ पैलेस की निरस्त हो गई है। एक दिसंबर तक और भी संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन 40 फीसद वाली गाइड लाइन के हिसाब से काम कराए।
संजय मेहरोत्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश टेंट व डेकोरेशन एसो.
हमारा सीजनेवल कारोबार है। 22 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद जून तक एक भी बुकिग नहीं आई थी। इस सहालग के सीजन का इंतजार था। 200 लोगों की शर्त के हिसाब से 12 मार्च तक 14 बुकिग की गई थीं। इनमें से 11 बुकिग निरस्त हो गईं। पार्टी मोबाइल भी नहीं उठा रही हैं।
ज्ञानेश अग्रवाल, बिजनेस पार्टनर, हबीब गार्डन