स्वर्ग से 28 बार बैंक आया किसानः किसान की मौत के चार साल बाद खाता खोल जारी की केसीसी, जांच शुरू Aligarh news
क्या कोई मरने के बाद बैंक में लेनदेन कर सकता है? जवाब ना ही है पर अतरौली के गांव हरदोई स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की शाखा में यह भी संभव हो गया।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। क्या कोई मरने के बाद बैंक में लेनदेन कर सकता है? जवाब ना ही है, पर अतरौली के गांव हरदोई स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की शाखा में यह भी संभव हो गया। बैंक का रिकॉर्ड प्रशासनिक अफसरों को चौंका रहा है। मौत के चार साल बाद किसान के नाम 2.47 लाख रुपये की केसीसी जारी की गई। 28 बार लेन-देन हो चुका है। यह जानकारी नौ साल बाद बेटों को आरसी मिलने पर हुई। इसकी एसडीएम ने जांच शुरू करा दी है। दोनों पक्ष 27 जून को अभिलेखों समेत बुलाए गए हैं।
2010 में मौत
अतरौली के गांव रामपुर चंदियाना निवासी राजेंद्र सिंह पर 100 बीघा जमीन थी। इनका बैंकों से लेन-देन चलता था। 2010 में इनकी मौत हो गई। एक साल बाद जमीन चारों बेटों के नाम विरासत के रूप में खतौनी में दर्ज हो गई। कुछ दिन बाद बेटों ने जमीन पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से केसीसी करा ली। खतौनी में भी यह दर्ज हो गई।
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त का फर्जीवाड़ा
किसान राजेंद्र सिंह हरदोई गांव में स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त में भी लेन-देन करते थे। बैंक अफसरों ने इसी का फायदा उठाते हुए उनकी मौत के चार साल बाद 2014 में अपनी बैंक में एक नया खाता खोल लिया और 2.47 लाख रुपये केसीसी जारी कर दी। फिर बैंक में किसान के नाम से लेन-देन चलता रहा। अप्रैल 2019 तक इस खाते से 28 बार लेन-देन हुआ है।
अमीन लेकर पहुंचा आरसी
19 जून को क्षेत्रीय अमीन 3.29 लाख की आरसी लेकर राजेंद्र सिंह के बेटों के पास पहुंचे। आरसी देख वे हैरान रह गए। अमीन को बताया कि पिता की मौत को नौ साल हो गए हैं। इस संबंध में बैंक मैनेजर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।
एसडीएम ने बैठाई जांच
राजेंद्र सिंह के बड़े बेटे शिशुपाल की शिकायत पर एसडीएम ने जांच शुरू करा दी है। बैंक अफसरों को 27 जून को अभिलेखों समेत तलब किया है। एसडीएम अनिरुद्ध प्रताप सिंह का कहना है कि मामला गंभीर है। बैंक अफसर तलब किए हैं। अभिलेखों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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