Surya Grahan of 2019 : मंदिरों के बंद कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना, जानिए वैज्ञानिक पहलु Aligarh News
साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण गुरुवार को समाप्त हो गया। सूर्य ग्रहण का समय खत्म होते ही मंदिरों के बंद कपाट खुल गए। पुजारियों ने मंदिरों की सफाई कर भगवान को स्नान कराया।
अलीगढ़ [संदीप सक्सेना]। साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण गुरुवार को समाप्त हो गया। सूर्य ग्रहण का समय खत्म होते ही मंदिरों के बंद कपाट खुल गए। पुजारियों ने मंदिरों की सफाई कर भगवान को स्नान कराया और पूजा अर्चना की। इधर घरों में महिलाओं ने मंदिर की सफाई कर पूजा अर्चना की।
ऐसे प्रकट हुए सूर्यदेव
अलीगढ शहर की बात करें तो सूर्यग्रहण का प्रभाव प्रात: 08 से 11 बजे तक था। अलीगढ़ में सुबह से ही बादल छाए हुए थे। इस दौरान सूरज व बादलों में कई बार लुकाछिपी का खेल चलता रहा। सुबह दस बजे के करीब घने बादलों को चीरते हुए सूर्यदेव प्रकट हुए। इस दौरान अलग- अलग तरीकों से कुछ लोगों ने सूर्य ग्रहण को देखने का प्रयास किया।
एएमयू में नहीं देख पाए सूर्यग्रहण
सूर्यग्रहण को देखने के लिए एएमयू के फिजिक्स डिपार्टमेंट में दूरबीन आदि उपकरणों के जरिए व्यवस्था की गई थी, लेकिन बादलों के छा जाने की वजह से स्टूडेंट व आम लोग सूर्यग्रहण नहीं देख पाए। वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष एवं महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि शास्त्रीय विधान के अनुसार सूर्यग्रहण के स्पर्श के 12 घंटे पहले यानि 25 दिसंबर बुधवार की रात्रि 8:17 बजे से सूतक लग गए थे। गुरुवार को ग्रहण का स्पर्श सुबह 8:17 बजे शुरू हुआ था। इस ग्रहण की कुल अवधि दो घंटा चालीस मिनट रही। इस लिहाज से ग्रहण का मोक्ष पूर्वाह्न 10:57 बजे तक रहा।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
गुरुवार को ग्रहण के साथ ही धनु राशि में केतु के साथ छह ग्रहों की युति हो रही है। इसके कारण सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व सामरिक हर दृष्टि से अशुभ संकेत मिल रहे हैं। राजनीतिक उथल पुथल सत्ता परिवर्त नए प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंपए अत्यधिक बर्फबारी से सर्दी रहेगी। आर्थिक मंदी स्वर्ण की मांग में कमी व पेट्रोलियम पदार्थों के कीमतों में वृद्धि के भी संकेत हैं।
राशियों पर भी पड़ेगा प्रभाव
स्वामी पूर्णानंदपुरी के अनुसार राशियों पर ग्रहण के प्रभाव पड़ेगा। सूर्यग्रहण धनु कन्या एवं वृष राशि के लिए विशेष अशुभकारी रहेगा। इस राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरुरत है। इन सभी जातकों के लिए अपने.अपने ईष्ट की आराधना राहत देने वाली होगी। इस ग्रहण का न्यूनतम प्रभाव कर्क तुला और कुंभ राशि पर पड़ेगा। इस राशि के जातकों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है। फिर भी अपने.अपने ईष्ट की आराधना से शुभ लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मेष राशि के भाग्य भाव को प्रभावित करेगा। ईष्ट के मंत्र जाप या हनुमान चालीसा पाठ से लाभ होगा। वृष राशि के अष्टम भाव को प्रभावित करेगा। गणपति की आराधना से अशुभ प्रभाव कम होगा।
भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की प्रार्थना करें
मिथुन के सातवें भाव को प्रभावित करेगा। भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की प्रार्थना करें। कर्क छठवें भाव के प्रभाव को शिव आराधना से घटाकर शुभता प्राप्त की जा सकेगी। सिंह राशि के पांचवें भाव पर ग्रहण लगेगा। इस राशी के जातक आदित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें वहीं। कन्या चतुर्थ भाव के प्रभाव को सूर्यदेव के बीज मंत्र से कम कर सकते हैं। तुला राशि के तीसरे भाव को ग्रहण प्रभावित होने के कारण मां दुर्गा की उपासना से समस्याओं का निदान पाया जा सकता है। वृश्चिक राशि के दूसरे भाव के ग्रहण के प्रभाव के कारण सुंदरकांड के पाठ से प्रभावहीन हो सकता है। धनु राशि के लग्न को प्रभावित करेगा। विष्णु सहस्रनाम के पाठ से कष्टों का शमन होगा। मकर के 12 वें भाव के प्रभाव से आने वाली समस्या शिव उपासना से दूर होगी।
सरसों के तेल का दीपक जलाएं
कुंभ के 11 वें भाव को प्रभावित करेगा। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। मीन राशि 10 वें भाव के प्रभाव से पिता को कष्ट होगा। गर्भवती महिलायें ग्रहण के समय तक तीक्ष्ण धारदार चाकू कैंची सुई आदि से प्रयोग से बचें। साड़ी पल्लू को गेरू से रंगकर बैठने से गर्भस्थ शिशु पर ग्रहण का प्रभाव नहीं रहेगा।
यह है वैज्ञानिक पहलु
आइआइटी बीएचयू के खगोल विज्ञानी डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव के अनुसार पृथ्वी व सूर्य के बीच जब चंद्रमा आ जाता है तो उस समय सूर्यग्रहण होता है। इस परिस्थिति में सूर्य पूरी तरह से ढक जाते हैं, लेकिन बाहर की ओर एक ङ्क्षरगनुमा आकृति बन जाती है जिसे कोरोना मंडल कहा जाता है। इस मंडल से निकलने वाली किरणों की तीव्रता अधिक होती है। इसे नंगी आखों से देखना नुकसानदायक हो सकता है। इससे बचने के लिए चश्मा लगाना जरूरी होता है। कोरोना मंडल में तापमान अधिक होने से हमारे वाह्य वातावरण पर भी प्रभाव पड़ता है।