एएमयू में वेतन व पेंशन का 17 करोड़ कम आया बजट
पेंशनर्स को आधी दी गई पेंशन तनख्वाह भी नहीं मिल पाई पूरी।
संतोष शर्मा, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में संभवत: यह पहली बार हुआ है कि वेतन और पेंशन का बजट 17 करोड़ कम आया है। पेंशनर्स को पूरी पेंशन तक नहीं दी जा सकी है। एएमयू ही नहीं, अधिकांश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ऐसा हुआ है। इसके पीछे कोरोना संकट को भी वजह माना जा रहा है।
एएमयू में करीब छह पेंशनर्स और सात हजार शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी हैं। शिक्षक व अन्य स्टाफ को महीने की आखिरी तारीख को वेतन मिलता है। इस बार ऐसा नहीं हुआ। अक्टूबर का वेतन नवंबर में मिला है। पेंशनर्स का बजट कम आने के कारण उन्हें आधी ही पेंशन मिली है। सेवानिवृत्त हुए शिक्षक व अन्य स्टाफ को उनका अभी तक फंड नहीं मिला है। वो भी परेशान हैं। इस समस्या को देखते हुए रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद फाइनेंस ऑफीसर के साथ दिल्ली गए थे। बजट कम मिलने को लेकर यूनिवर्सिटी की चिता से उच्च शिक्षा आयोग के अफसरों को अवगत कराया। रजिस्ट्रार के अनुसार यूनिवर्सिटी करीब दो सौ करोड़ के घाटे में चल रही है। ये बजट विभिन्न मदों में सरकार से मिलना चाहिए था, जो नहीं मिला है।
स्कॉलरशिप भी नहीं
एएमयू के शोध छात्रों को स्कॉलरशिप भी नहीं मिली है। छात्र नेता सफीक उर रहमान ने बताया कि शोध छात्रों के बहुत से काम अटक गए हैं। उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी तो शोध कैसे कर पाएंगे। सरकार को इस पर ध्यान देना होगा। जूनियर डॉक्टरों के सामने भी यही समस्या आने वाली है। उनके वेतन में भी देरी हो रही है।
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इस बार पेशन व वेतन का बजट 17 करोड़ रुपये कम आया है। इसमें 10 करोड़ पेंशन का बजट है। इस कारण पेंशनर्स को आधी पेंशन ही दे सके हैं। शिक्षा आयोग तक अपनी बात पहुंचा दी है।
प्रो. तारिक मंसूर, कुलपति एएमयू