Aligarh News: शादी कराने के नाम पर ठगने वाले 13 लोग दबोचे, बुलंदशहर के हैं गिरोह के मुखिया
सिविल लाइन व गांधीपार्क पुलिस ने साइबर सेल के साथ मिलकर शादी कराने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले दो काल सेंटरों का भांडाफोड़ किया है। यहां से 12 महिलाओं समेत 13 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। fake matrimonial site शादी कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का मंगलवार को पुलिस ने पर्दाफाश किया है। अलग -अलग क्षेत्रों में संचालित इनके दो काल सेंटरों पर छापा मारकर गिरोह की सरगना सहित 13 गिरफ्तार किए गए। इनमें 12 महिलाएं हैं। कई सीपीयू, मोबाइल फोन, सिम कार्ड आदि बरामद किए गए हैं। आरोपितों ने मेट्रीमोनियल साइट बना रखी थीं। महिलाएं रजिस्ट्रेशन करने के लिए लोगों को प्रेरित करती थीं। फीस बताकर पांच सौ से लेकर तीन हजार रुपये तक जमा कराती थीं। जो लोग खुद से रजिस्ट्रेशन कर लेते थे, उन्हें अच्छा लड़का या लड़की तलाशने के नाम पर ठगते थे। रिश्ते के लिए लड़की बता काल सेंटरों पर मौजूद महिलाओं से ही बात करा देते थे।
तीन साल से सक्रिय इस गिरोह ने अब तक करीब छह हजार लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस इनके काल व बैंक डिटेल्स खंगाल रही है। जांच में छत्तीसगढ़ के युवक का नाम सामने आया है। माना जा रहा है कि गिरोह वहीं से संचालित हो रहा था। इसमें झारखंड-जामताड़ा का कनेक्शन भी हो सकता है। इस गिरोह से और कौन-कौन जुड़ा है, यह जानने में पुलिस जुट गई है।
बुलंदशहर के हैं गिरोह के मुखिया
ठगी की कई शिकायतें पुलिस को मिली थीं। इस पर साइबर सेल ने जांच की तो दो काल सेंटरों से ठगी होना पाया गया। इसके बाद सिविल लाइन व गांधीपार्क पुलिस के साथ छापे मारे गए। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि सिविल लाइन क्षेत्र के मथुरा नगर स्थित सलिल कुमार के मकान की पहली मंजिल पर संचालित मेट्रोमोनियल सर्विस प्रोवाइडर से आठ लोग गिरफ्तार किए गए। इनमें रमेश विहार कालोनी निवासी गिरोह की सरगना मालती देवी, इनका पति देवेंद्र सिंह शामिल हैं। ये मूलरूप से बुलंदशहर के थाना डिबाई के कर्णवास के हैं। कई साल से यहां रह रहे हैं।
मालती के कहने पर करतीं थीं कार्य
इनके अलावा सारसौल चौराहा निवासी दीपिका (हाल निवासी विश्वबैंक कालोनी बरौला बाईपास), घनश्यामपुर मंदिर वाली गली निवासी लक्ष्मी पत्नी जतिन, किशनपुर पहलवान कालोनी निवासी मोनिका शर्मा, इंद्रानगर निवासी नम्रता पत्नी नागेंद्रपाल सिंह, अतरौली क्षेत्र के गांव फदलपुर निवासी अंकिता पत्नी हिमांशु चौधरी (हाल निवासी बी-2 गांधीआई अस्पताल) व घनश्यामपुरी निवासी सपना पत्नी मनोज चौहान हैं। इनके पास से छह सीपीयू, आठ मोनिटर, एक प्रिटंर, छह की-बोर्ड, एक राउटर, तीन स्मार्ट फोन, 10 की-पैड फोन, चार रजिस्टर, नौ डाटा शीट, 21 कापी, एक फ्लेक्सी बोर्ड व 6300 रुपये मिले हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि मालती के कहने पर ये कार्य करती हैं।
दूसरे काल सेंटर के लिए मालती ने दी फ्रेंचाइजी
मालती ने बेस्ट पार्टनर, विवाह गाइड, माय पार्टनर, ड्रीम पार्टनर जैसी कई वेबसाइट बना रखी हैं। इनमें विवाह गाइड की फ्रेंचाइजी तुर्कमान गेट निवासी सिदरतिल को दे रखी थी। इसका काल सेंटर गांधीपार्क क्षेत्र के गोपी मिल कंपाउंड छर्रा अड्डा पुल में संचालित हो रहा था। यहां से पुलिस ने सिदरतिल के अलावा सूर्यसरोवर कालोनी निवासी कनिका शर्मा, आइटीआइ रोड बरौला चौराहा निवासी मधु राजपूत, बैंक कालोनी निवासी स्नेहा सिंह, जीवनगढ़ गली नंबर चार निवासी सुमाईला को गिरफ्तार किया है। इनके पास से तीन चेक बुक, एक एटीएम कार्ड, 45 हजार 220 रुपये, विभिन्न कंपनियों के 28 सिम कार्ड व 24 मोबाइल, आठ रजिस्टर, छह पीसी, एक प्रिंटर व एक जियो फाइबर राऊटर बरामद किया है।
बात करके झांसे में लेती थीं लड़कियां
गिरोह में शामिल लड़कियां रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों को फोन करके उनका पारिवारिक विवरण या रिज्यूम मंगा लेती थीं। इसके बाद योग्य लडकी का चयन करने के लिए उन्हें विभिन्न मोबाइल नंबर दिए जाते थे। यह नंबर भी काल सेंटर में काम कर रही लड़कियों के ही होते हैं, जो पंजीकरण कराने वाले लोगों को झांसे में लेकर पांच से 20 हजार रुपये तक ठग लेती थीं।
नंबरों पर आनलाइन शिकायतें हैं दर्ज
बरामद किए गए मोबाइलों के नंबरों की साइबर पोर्टल पर जांच की गई तो पता चला कि उन पर भी आनलाइन शिकायतें दर्ज हैं। आरोपितों के पास से मिली डाटा शीट में अधिकतर लड़कों के नंबर दर्ज हैं। ये भी पता चला है कि आरोपित अन्य वेबसाइट से डाटा चोरी करते थे। उन्हें लड़कों को फोन किया जाता था, जिनकी शादी नहीं हुई है।
आगरा में भी था सेंटर
आरोपित आगरा में भी काल सेंटर चला चुके हैं। वहां कार्रवाई के बाद जगह को बदल दिया। पुलिस अब इस बात की तह तक जाने में जुट गई है कि इस गिरोह के पीछे कौन है। आखिर गिरोह ने पूरी मोडस-आपरेंडी कहां से सीखी। यह देखा जा रहा है कि कहीं इस गिरोह का कनेक्शन झारखंड-जामताड़ा से तो नहीं है।
टीम में ये रहे शामिल
सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय व सीओ द्वितीय शिवप्रताप सिंह के नेतृत्व में सिविल लाइन इंस्पेक्टर प्रवेश राणा, गांधीपार्क इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार दुबे, एसआइ सरिता द्विवेदी, साइबर सेल के प्रभारी राकेश कुमार, एसआइ अरविंद कुमार सिवाल, नेहा मलिक, टेकराम, दीपक कुमार, अनूप, धर्मेंद्र, शालिनी सैनी, शालू, पलक देवी, अमित कुमार, सतीश कुमार, जुगेंद्र, शिवानी, आरती, तृप्ती, भारती व साइबर सेल के धर्मेंद्र सिंह शामिल रहे।
पूर्व महिलाकर्मी ने क्वार्सी थाने में कराया था मुकदमा
जेल रोड की रहने वाली महिला पहले मालती के पास काम करती थी, जो बेस्ट पार्टनर के नाम से मैरिज ब्यूरो चला रही थी। उसने क्वार्सी थाने में मुकदमा कराया था। छह महीने काम करने के बाद मालती व उसके साथी राजकुमार ने ड्रीम पार्टनर नाम का नया मैरिज ब्यूरो जापान हाउस में खुलवाया। इसकी फ्रेंचाइची महिला व इराम नाम से थी। दोनों के करंट अकाउंट खुलवाए गए। इनकी देखरेख के लिए अक्षय नाम का लड़का रखा था, जो छत्तीसगढ़ का रहने वाला था। वो ही पूरा लेनदेन कर रहा था।
नौकरी से निकलवाने की धमकी
महिला के पास कुछ लोगों की शिकायत आई कि हमने रजिस्ट्रेशन किया। शादी नहीं करवाई गई, न ही पैसे वापस हुए। मालती व राजकुमार को जब ये बात बताई तो दोनों ने हेड आफिस का मामला बताकर टाल दिया। कुछ दिन बाद महिला सिविल लाइन स्थित आफिस में पहुंच गईं तो वहां काम करने वाली एक अन्य लड़की ने भी इसी तरह की शिकायत की। जब महिला ने मालती से सच्चाई जाननी चाही तो उसने नौकरी से निकालने की धमकी दी और मारपीट कर दी।