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अलीगढ़ के गांव सलगवां में डायरिया के 12 मरीज और मिले, स्कूल में मिले सड़े आलू, प्रदर्शन Aligarh News

छर्रा क्षेत्र के ग्राम सलगवां में मंगलवार को संक्रामक बीमारी फैलने के चलते 2 बच्चों की मौत एवम 56 अन्य की तबियत बिगडऩे से सरकारी तन्त्र में हड़कंप मचा हुआ है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 04:38 PM (IST)
अलीगढ़ के गांव सलगवां में डायरिया के 12 मरीज और मिले, स्कूल में मिले सड़े आलू, प्रदर्शन Aligarh News
अलीगढ़ के गांव सलगवां में डायरिया के 12 मरीज और मिले, स्कूल में मिले सड़े आलू, प्रदर्शन Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। छर्रा क्षेत्र के ग्राम सलगवां में मंगलवार को संक्रामक बीमारी फैलने के चलते 2 बच्चों की मौत एवम 56 अन्य की तबियत बिगडऩे से सरकारी तन्त्र में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बुधवार की तड़के सुबह गांव में 12 मरीज की तबियत और बिगड़ गयी। जिन्हें एंबुलेंस से छर्रा सीएचसी भेजा गया है।

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स्कूल में मिले सड़े आलू, गेहूं में घुन

बुधवार की सुबह कुछ ग्रामीण गांव स्थित सरकारी स्कूल पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया है कि उनके बच्चों के लिए खाना तैयार होने वाली रसोई में काफी संख्या में रखे आलू सड़े हुए थे तथा अनाज की बोरियों में घुन लग गए हैं। स्कूल प्रांगण में चारों ओर गंदगी की भरमार है। जिसके चलते ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया। गांव में फैली बीमारी के चलते प्रधान ने घरों के आसपास फैली गंदगी के ढेर जेसीबी मशीन से उठवाए।

गजब! संचारी रोग नियंत्रण माह में भी ये हाल

उल्टी, दस्त, मलेरिया, पीलिया समेत तमाम रोगों की रोकथाम व जागरूकता के लिए इन दिनों संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। छर्रा के गांव सलगवां में उल्टी-दस्त, डायरिया के इस तरह बेकाबू होने से स्वास्थ्य विभाग की मुहिम पर सवालिया लग गया है।

जिला स्तर पर समितियां बनाई

बता दें कि एक जुलाई से शुरू हुए संचारी रोग नियंत्रण माह के अन्तर्गत बीमारियों की रोकथाम के लिए ग्र्राम, ब्लॉक व जिला स्तर पर समितियां बनाई गई हैं। आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों समेत अन्य को इनसे जोड़ा गया है। इन समितियों का कार्य लोगों के बीच जाकर उन्हें साफ-सफाई के लिए प्रेरित करना, जलभराव रोकना, बीमारियों के लक्षण बताना आदि है। गांव-गांव कैंप कराए जाने का भी दावा है। पांच मरीजों के मिलने पर आउटब्रेक माना जाता था, मगर यहां तो एक-एक कर मरीजों का आंकड़ा 50 से ऊपर पहुंच गया। सवाल ये है कि स्वास्थ्य विभाग को घर-घर में पैर पसार रहे उल्टी-दस्त व डायरिया की भनक क्यों नहीं लग पाई।

चिंता की बात

माता-पिता जब रात में ही बच्चों को लेकर इलाज के लिए भटक रहे थे तो क्यों टीमों को सक्रिय नहीं किया गया। यदि विभाग को इसकी सूचना नहीं मिल पाई तो ये और भी चिंता की बात है। यदि संचारी रोग नियंत्रण माह में ही विभाग इस तरह सोता रहा तो आम आदमी की सेहत का भगवान ही मालिक है।

अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़

बरसात शुरू होते ही बीमारियां भी पैर पसारने लगी हैं। जिला अस्पताल व दीनदयाल चिकित्सालय में इन दिनों उल्टी, दस्त, पेचिस, मलेरिया, डायरिया जैसी संक्रामक व जलजनित बीमारियों से ग्र्रस्त मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। दीनदयाल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एबी शर्मा ने बताया कि इस मौसम में व्यक्तिगत व आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें। रात का बासी खाने न खाएं। कटे-फटे फल व अन्य बाहरी वस्तुएं न खाएं।   


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