नमामि गंगे योजना से निर्मल होंगी यहां पर अब यमुना मैय्या Agra News
नदी को शुद्ध करने के लिए 71.59 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत। यमुना प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा जल्द शुरू कराया जाएगा कार्य।
आगरा, जेएनएन। सुहागनगरी फीरोजाबाद में बहने वाली यमुना सालों से दूषित पानी का दंश झेल रही है। इसमें शहर के दो प्रमुख नालों के जरिए हर रोज 55 मिलियन लीटर प्रतिदिन दूषित पानी पहुंच रहा है। इसे यमुना में जाने से रोकने के लिए अब नमामि गंगे योजना से काम होगा। आगरा की प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा प्रोजेक्ट पर जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।
यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है। एनजीटी के निर्देश पर इस पवित्र नदी को स्वच्छ बनाने के लिए जलनिगम द्वारा दोनों नालों को टेप करने की योजना बनाई गई थी। सदर विधायक मनीष असीजा और जलनिगम के अधिकारियों ने दोनों नालों का सर्वे कराने के बाद नक्शे तैयार कराए। शासन स्तर पर लगातार पैरवी कर उन्होंने केंद्र सरकार की नमामि गंगे प्रोजेक्ट में शामिल कराया। इसके बाद केंद्र सरकार से 71.5921 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत हो गया है।
यमुना की ओर जाने वाले यह हैं दो प्रमुख नाले
पहला नाला सरक्यूलर रोड, मोहल्ला गंज, मालवीय नगर, बासठ, मुस्तफाबाद से होते हुए यमुना नदी में गिरता है। दूसरा प्रमुख नाला महादेव नगर से शुरू दखल, झील की पुलिया, रहना, हिमायूंपुर, मुरली नगर सीवर पंङ्क्षपग स्टेशन, लेबर कालोनी, दतौजी होते हुए यमुना नदी में जाता है। इन दोनों नालों से हर रोज 55 (एमएलडी) पहुंच रहा है, जिससे यमुना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
ऐसे शुरू होगा पानी
नमामि गंगे प्रोजेक्ट योजना के तहत एक पंपिंग स्टेशन सोफीपुर में तैयार कराया जाएगा। एसटीपी पर नाले का पानी शोधित कर यमुना में छोड़ा जाएगा। दूसरा पंपिंग स्टेशन प्रेमपुर रैपुरा में बनेगा। इस नाले को टेपिंग करते हुए मुख्य पंपिंग स्टेशन पर भेजा जाएगा। यहां पानी को शोधित कर यमुना में छोड़ा जाएगा। जलनिगम के अधिशासी अभियंता राजकुमार शर्मा ने बताया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर आगरा की यमुना प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।
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