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Schools Reopen: स्‍कूल खुले तो क्‍या आप भेजना चाहेंगे अपने बच्‍चे को, 10 फीसद से कम ने ही भरी अब तक हामी

Schools Reopen in Agra राज्‍य सरकार ने 15 अक्‍टूबर से स्‍कूल खोले जाने का खींचा है खाका। आगरा जिले में हुए सर्वेक्षण में 9.9 फीसद अभिभावकों की ही मिली स्वैच्छिक स्वीकृति। स्‍कूल संचालक इसे बता रहे सही कदम वहीं अभिभावक नहीं हैं तैयार।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 01:05 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 01:05 PM (IST)
Schools Reopen: स्‍कूल खुले तो क्‍या आप भेजना चाहेंगे अपने बच्‍चे को, 10 फीसद से कम ने ही भरी अब तक हामी
आगरा में 15 अक्‍टूबर से स्‍कूल खोले जाने का अधिसंख्‍य अभिभावक विरोध कर रहे हैं। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, संदीप शर्माअजीब कश्‍मकश की स्थिति है। कोरोना वायरस का खात्‍मा नहीं हुआ और न ही वैक्‍सीन अभी तक आया है। सब कुछ अनलॉक करने के साथ सूबे में अब सरकार ने 15 अक्‍टूबर से स्‍कूल खोले जाने की तैयारी कर दी है, हालांकि इससे पहले अभिभावकों के मन की बात भी जानने का प्रयास है। इस मामले पर भी फुटबॉल सी खेली जा रही है। अधिकांश अभिभावक बच्‍चोंं को स्‍कूल भेजने में रजामंद नहीं हैं। वहीं स्‍कूल संचालक सरकार के इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं। आपकी क्‍या राय है, क्‍या आप अपने बच्‍चे को स्‍कूल भेजने के लिए तैयार हैं। अपना अभिमत भी जरूर दर्ज करा दें क्‍योंकि बहुमत ही इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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आगरा जिले के अभिभावक फिलहाल नहीं चाहते कि कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों को आंशिक या पूर्ण रूप से खोला जाए। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अभिभावकों से स्वैच्छिक स्वीकृति मांगी तो आगरा के महज 23678 अभिभावकों ने ही इसके लिए हामी भरी, जो कुल विद्यार्थियों की संख्या का महज 9.9 फीसद है। वहीं मंडल के अन्य जिलों के अभिभावक भी फिलहाल स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं।

संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने परिषद को मंडलीय सूचना भेज दी है। आगरा के कक्षा नौं से 12वीं में पंजीकृत 239151 विद्यार्थियों में से महज 23678 अभिभावकों ने ही शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए छात्रों को स्कूल भेजने की स्वैच्छिक अनुमति दी, जो महज 9.9 फीसद है। जबकि विभाग ने इसके लिए 61225 अभिभावकों को जागरूक किया था। वहीं मथुरा में 114937 पंजीकृत विद्यार्थियों में से महज 10112 अभिभावकों ने स्वैच्छिक अनुमति दी, जबकि विभाग ने 61213 अभिभावकों को जागरूक किया था। मैनपुरी में 128427 पंजीकृत विद्यार्थियों में से सबसे कम महज 238 अभिभावकों ने ही स्वैच्छिक स्वीकृति दी, जबकि 59818 अभिभावकों को इसके लिए जागरूक किया गया था। वहीं फीरोजाबाद के 127245 पंजीकृत विद्यार्थियों के 6788 अभिभावकों ने स्वैच्छिक अनुमति दी, जबकि विभाग ने 6248 अभिभावकों को इसके लिए जागरूक किया था।

पिछले बार से बढ़ी स्वीकृति

पिछली बार शासन को भेजी गई सूचना में आगरा जिले से महज 315 अभिभावकों ने ही विद्यालय आंशिक रूप से खोलकर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों के पास भेजने की स्वीकृति दी थी। उस लिहाजा से स्वैच्छिक स्वीकृति की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पहले जागरूक किए गए अभिभावकों में से 0.50 फीसद ने हामी भरी थी, जबकि अब 38.67 फीसद ने हामी भरी है। लेकिन इसके 50 फीसद से ज्यादा होने से पहले स्कूल खुलते नहीं दिख रहे।

पेरेट्स एसो. स्कूल खोलने के विरोध में

शासन ने अनलाक पांच में विद्यालय आंशिक रूप से खोलने की अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। इस फैसले का प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) ने विरोध किया है।

संगठन सदस्यों का कहना है कि वह अभिभावकों के साथ मिलकर स्कूल खोले जाने का कड़ा विरोध करेंगे। यदि शासन-प्रशासन ने निर्णय नहीं बदला, तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। क्योंकि फिलहाल संक्रमण थमा नहीं है और स्कूल खुलने पर नौनिहालों को स्कूल भेजने की बाध्यता हो जाएगी। ऐसे में संक्रमण से उनकी भी जान को खतरा हो सकता है।

स्‍कूल संचालकों ने आदेश को बताया संजीवनी

स्कूल संचालकों के चेहरे खिल गए हैं। यह निर्णय उन्हें संजीवनी के समान लग रहा है। उन्हें उम्मीद है कि सात महीने से बंद विद्यालय अब जल्द ही खुल सकेंगे। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का कहना है कि अनलाक पांच के दिशा-निर्देश स्कूल संचालकों के लिए संजीवनी के समान हैं। स्कूल खुलते हैं, शासन-प्रशासन स्तर के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। कंटोनमेंट जोन के छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दस वर्ष के विद्यार्थी घर पर रहकर ही आनलाइन पढ़ेंगे। नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल ऑफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर का कहना है कि स्कूल खोलने का अंतिम निर्णय फिलहाल प्रशासन को लेना है। हम भरोसा दिलाते हैं कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। कक्षाएं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी। ऑनलाइन कक्षाओं का भी संचालन नियमित रूप से किया जाएगा। वाइस ऑफ स्कूल्स एसोसिएशन (वोसा) अध्यक्ष डॉ. राहुल राज का कहना है कि स्कूल खोलने पर अंतिम फैसला शासन-प्रशासन स्तर से ही होगा, लेकिन हम हर तरह से तैयार हैं। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम सख्ती से अमल में लाए जाएंगे। 


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