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Shivratri Special: जीवन के कष्‍ट दूर करने और भोले को प्रसन्‍न करने के लिए चढ़ाएं ये चीजें

चार मार्च की है इस वर्ष महाशिवरात्रि। शुभ संयोग में पूर्ण फल प्रदान करेगी भगवान शिव की पूजा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 05:45 PM (IST)
Shivratri Special: जीवन के कष्‍ट दूर करने और भोले को प्रसन्‍न करने के लिए चढ़ाएं ये चीजें
Shivratri Special: जीवन के कष्‍ट दूर करने और भोले को प्रसन्‍न करने के लिए चढ़ाएं ये चीजें

आगरा, तनु गुप्‍ता। चार मार्च को इस बार महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। कहते हैं कि महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की आराधना की जाए तो भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। महाशिवरात्रि भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है। ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि सोमवार को होने से शुभ संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इस व्रत को अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में करना चाहिए। इस वर्ष सोमवार चार मार्च को दिन में चार बजकर 11 मिनट से चतुर्दशी लग रही है, जो मंगलवार पांच मार्च को सायं छह बजकर 18 मिनट तक रहेगी। अर्धरात्रिव्यापिनी ग्राह्य होने से 4 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। यदि इस दिन भगवान आशुतोष की विशेष कृपा पाने चाहते हैं तो उनकी मनपसंद चीजों को अर्पित करना चाहिए। 

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ये चीजें करें शिवजी को अर्पित  

जल

ऊं नमः शिवायः का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करने से चित शांत होता है और आपके अंदर करुणा आएगी। मान्यता के अनुसार विष का प्रभाव कम करने के लिए देवताओं ने उनके ऊपर जल डाला था। तब से उनको नीलकंठ  के नाम से सुशोभित किया गया।

दूध

भोले बाबा का दूध से अभिषेक करना अत्यंत ही पु्ण्यकारी माना जाता है। दूध अर्पित करने से व्यक्ति सदैव स्वस्थ और रोग मुक्त रहता है। विष्णुपुराण के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान शिवजी ने सारा विष अपने कंठ में ग्रहण कर लिया था, जिसके चलते उनका पूरा शरीर नीला पड़ने लगा। तब सभी देवताओं ने उनका दूध से अभिषेक किया और विष का असर उन पर कम हो गया। तब से ही भगवान शिव को दूध अत्यंत ही प्रिय है।

चीनी

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर चीनी भी अर्पित की जाती है। कहा जाता है कि इससे आपके घर में कभी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती और उनका आर्शीवाद सदैव बना रहता है।

केसर

लाल केसर से शिव जी का तिलक करने से जीवन में सौम्यता आती है और मांगलिक दोष समाप्त होता है।

इत्र

शिवलिंग पर इत्र छिड़कना शुभ माना गया है। इत्र के छिड़काव से मन की शुद्धि होती है और तामसी प्रवतियों से मुक्ति हो जाती हैं।

दही

शिव जी को दही चढ़ाने से व्यक्ति परिपक्व बनता है और उसके जीवन में स्थिरता आती है।

घी

देसी घी शक्ति का परिचायक है इसलिए शिवलिंग पर घी से अभिषेक करने से व्यक्ति बलवान बनता है।

चंदन

वेद पुराणों के मुताबिक महाकाल को चंदन लगाने से इंसान को आकर्षक रूप मिलता है और उसके जीवन में मान, सम्मान और ख्याति की कभी कमी नहीं आती।

शहद

शिव जी को शहद लगाने से वाणि में मधुरता आती है और दिल में परोपकार की भावना जागती है।

भांग

ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय विष के प्रभाव को कम करने के लिए भांग का भी प्रयोग किया गया था। भांग से चमड़ी के रोगों का इलाज संभव है।

गन्‍ने का रस

गन्ने के रस से अभिषेक धन लाभ करता है।

सरसों का तेल

सरसों के तेल से अभिषेक शत्रु नाश करता है।

राशि के अनुसार करें शिव आराधना 

ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू कहती हैं कि शिव पूजन किसी भी रूप में हो कल्याणकारी ही होता है। लेकिन अगर आप अपनी राशि के अनुसार शिवजी का पूजन करेंगे तो आपको विशेष लाभ होगा। 

मेष

इस राशि के लोगों को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव को लाल फूल अर्पित करने चाहिए।

वृष

वृष राशि के लोगों को दूध और जल के मिश्रण से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दौरान चांदी या स्टील के लोटे का उपयोग करें। तांबे के बर्तन से दूध समर्पित नहीं करते हैं। साथ ही वृष राशि के लोगों को शिवलिंग पर दही, सफेद चंदन, सफेद फूल और साबुत चावल अर्पित करने चाहिए।

मिथुन 

इस राशि में जन्मे लोगों को भगवान भोलेनाथ की पूजा तीन बिल्व पत्रों से करनी चाहिए। आप शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रस से कर सकते हैं। इससे आपको विशेष लाभ होगा।

कर्क

घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। आप अगर कच्चा दूध शिवजी पर अर्पित करेंगे तो आपको आपकी इच्छापूर्ति में सहायता मिलेगी। सफेद चंदन से शिवजी का तिलक करें।

सिंह

इस राशि में जन्मे लोगों को भगवान शिव का अभिषेक गुड़ मिश्रित जल से करना चाहिए। आप भगवान शिव को गेहूं अर्पित करेंगे तो आपको विशेष लाभ हो।

कन्‍या

कन्या राशि में जन्मे लोगों को भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र और भांग के पत्ते चढ़ाने चाहिए।

तुला 

तुला राशि के लोगों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिवरात्रि पर इत्र, फूलों से सुगंधित जल या तेल से शिव का अभिषेक करना चाहिे। साथ ही शहद अर्पित करने से लाभ होगा।

वृश्चिक

पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से आप पर भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो सकते हैं।

धनु

भगवान शिव का अभिषेक केसर या हल्दी युक्त दूध से करना चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर बेल पत्र और पीले फूल अर्पित करें।

मकर

काले तिल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इससे आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।

कुंभ

मकर राशि के लोगों की तरह ही भगवान शिव पर काले तिल अर्पित करने चाहिए। साथ ही गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। इससे जीवन कष्ट और संकट दूर होते हैं।

मीन

भगवान शिव पर और शिवलिंग का अभिषेक करते समय पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। साथ ही पीली मिठाई का भोग भगवान शिव को लगाना चाहिए।

महाशिवरात्रि पर हुआ था ज्‍योर्तिलिंगों का प्रादुर्भाव 

डॉ शोनू बताती हैं कि ईशान संहिता के अनुसार समस्त ज्योतिर्लिंगों का प्रादुर्भाव फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को अर्धरात्रि के समय हुआ था, अतः इस पुनीत पर्व को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, वैसे तो शिव भक्त प्रत्येक कृष्ण चतुर्दशी का व्रत करते हैं लेकिन इस फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी का व्रत जन्म जन्मान्तर के पापों का समन करने वाला है । इसमें रात्रि जागरण करते हुये रात्रि में चारो प्रहर में चार प्रकार के द्रव्यों  से अभिषेक करने का विधान है ।


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