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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: फैमली थैरेपी देते रहें,कोई न करेगा खुदकशी

आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा युवा और बुजुर्ग। पारिवारिक विवाद के बाद आवेश में आकर कर रहे आत्महत्या।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 02:57 PM (IST)
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: फैमली थैरेपी देते रहें,कोई न करेगा खुदकशी
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: फैमली थैरेपी देते रहें,कोई न करेगा खुदकशी

आगरा(जेएनएन): अवसाद, अकेलापन, आत्ममुग्धता और आवेश यह प्रमुख वजह हैं किसी के आत्महत्या करने की। इनके चलते अचानक समुद्र की लहरों की तरह से मरने के विचार आते हैं। यदि संबंधित व्यक्ति के पास कोई अपना मौजूद हो तो आत्महत्या को टाला जा सकता है। यही कारण है कि दवाओं के असर न करने पर डॉक्टर फैमिली थेरेपी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मान रहे हैं।

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विशेषज्ञों के अनुसार, आत्महत्या के मुख्य कारण परिवार का विवाद बच्चों व बुजुर्गो की अनदेखी करना है। युवा और बुजुर्गो की संख्या अधिक है। फैमिली थेरेपी में काउंसलिंग के दौरान परिवार के सदस्यों को पीड़ित के साथ अधिक समय बिताने के लिए कहा जाता है। पीड़ित देते हैं संकेत: ऐसे लोग मौत की बात करते हैं, परिवार की देखरेख के लिए दूसरों से कहते हैं, अकेले रहते हैं। आत्महत्या के पहले के पांच मिनट अहम होते हैं।

हार्मोन का स्तर बढ़ाकर: हार्मोन सिरोटोनिन का स्तर कम होने से आत्महत्या के विचार आते हैं। इसका स्तर बढ़ाने पर रोकथाम संभव है। रेपेटिटिव ट्रासक्रेनियल मैग्नेटिक स्ट्यूमिलेशन से मरीज के दिमाग के एक हिस्से मे मैग्नेटिक फील्ड प्रवाहित किया जाता है। जरूरी है परिवार की काउंसिलिंग:

पारिवारिक विवाद के चलते युवाओं और बुजुगरें में आत्महत्या के केस ज्यादा दिखते हैं। ऐसे में दवाओं से ज्यादा पूरे परिवार की काउंसिलिंग जरूरी है।

- डॉ विशाल सिन्हा, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज

फैमिली थैरेपी की हुई है शुरूआत:

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में आत्महत्या की रोकथाम के लिए फैमिली थैरेपी शुरू की गई है, रोगी की काउंसलिंग की जाती है। इसके रिजल्ट बहुत अच्छे हैं।

- डॉ दिनेश राठौर, प्रमुख अधीक्षक मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय ये है हाल: - आगरा में हर महीने आठ से 10 आत्महत्या होती है

- 18 से 30 साल की उम्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या

- 50-50 फीसद है महिलाएं और पुरुष

वास्तविकता: - आत्महत्या करने वालों में शादीशुदा व महिला-पुरुषों की संख्या ज्यादा

- फासी लगाकर सबसे ज्यादा की जा रही आत्महत्या

- आत्महत्या को सोशल मीडिया पर कर रहे लाइव


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