World Museum Day 2022: संरक्षण के अभाव में लुट गया तीर्थ नगरी सोरों में बिखरा पौरांणिक खजाना
World Museum Day 2022 संग्रहालय न होने से भविष्य के लिए अतीत होती जा रही हैं विरासतें। तमाम प्राचीन मूर्तियां और पांडुलिपियों को सहजे हुए है सूकर क्षेत्र। किसी भी प्राचीन धरोहर को सहेजने के लिए संग्रहालय सबसे बेहतर श्रोत लेकिन कासगंज जिले में कहीं भी संग्रहालय नहीं है।
आगरा, जागरण टीम। कासगंज जिले में पौराणिक खजाना यूं ही बिखरा पड़ा है। जो असुरक्षित है तमाम प्राचीन मूर्तियां चोरी भी हो चुकी हैं। तीर्थ नगरी सोरों में प्राचीन मूर्तियों के अलावा ताम्रपत्र,पांडुलिपियां जो सैकड़ों वर्ष पुरानी है वे भी असुरक्षित हैं। जिले में लंबे समय से संग्रहालय की जरूरत दिखाई दे रही है, लेकिन यह जरूरत पूरी नहीं हुई और आज तक कभी किसी अफसर ने संग्रहालय के लिए कोई पहल नहीं की। जबकि साहित्यकार समय-समय पर मांग करते रहे।
विरासतों और इतिहास को जानने का सबसे अच्छा माध्यम संग्रहालय होते हैं। इनमे अतीत की जानकारी मिलती है और वर्तमान एवं भविष्य के प्रति समझ गहरी होती है। जिले में भविष्य को विरासतों का इतिहास बताने के लिए संग्रहालय नहीं है। जबकि यहां तमाम प्राचीन धरोहरें है। पौरांणिक खजाने से पूरी तीर्थ नगरी भरी हुई है। संरक्षण के अभाव के चलते यहां तमाम प्राचीन धरोहरें या तो चाेरी हो गई या लाेगों ने इन धरोहरों को समाप्त कर दिया। हालांकि अभी भी तमाम धरोहरें तीर्थ नगरी में है। पर्यटन विभाग ने यहां सीता-राम मंदिर में तमाम प्राचीन धरोहरों को सूचीबद्ध किया था, लेकिन अब यह धरोहरें सिर्फ पर्यटन विभाग के कागजों में है। धरातल पर यह गायब हैं।
तीर्थ नगरी सोरों में प्राचीन मूर्तियां हैं। बहियां हैं। ताम्रपत्र हैं और भी धरोहरें हैं। यदि संग्रहालय होता तो इनका ठीक से संरक्षण हो जाता। संग्रहालय जरूरी है।
- राधाकृष्ण दीक्षित, साहित्यकार
एक बार नहीं अनेकों बार संग्रहालय की जरूरत समझी गई, लेकिन कभी भी इस जरूरत को पूरा करने के लिए सरकारी प्रयास नहीं हुए। अनदेखी हावी रही।
- उमेश पाठक, साहित्यकार
किसी भी प्राचीन धरोहर को सहेजने के लिए संग्रहालय सबसे बेहतर श्रोत होता है, लेकिन कासगंज जिले में कहीं भी संग्रहालय नहीं है। यह विंडबना है।
- राकेश अग्रवाल, वास्तु शास्त्री
सोरों के अलावा जिले में और भी तमाम स्थानों पर पौराणिक धरोहरे हैं। इन सभी बेहतर संरक्षण देने के लिए जिले में संग्रहालय होना जरूरी है।
- डा. मनोज शर्मा, संस्थापक दुलार संस्था
जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए संग्रहालय बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। राजस्व टीम के माध्यम से संग्रहालय के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन मिलते ही प्रस्ताव शासन काे भेज दिया जाएगा।
- तेज प्रताप मिश्र, सीडीओ