जवानी में गलत आदतों से दिल हो रहा बीमार
विश्व हृदय दिवस आज, 20 साल की उम्र में आ रहे हार्ट अटैक के केस, तंबाकू, फास्ट फूड और तनाव से बढ़ा हृदय रोग
आगरा: कम उम्र में तंबाकू, धूम्रपान सेवन की गलत आदतों से दिल की बीमारी हो रही है। 20 साल की उम्र में हार्ट अटैक के केस आ रहे हैं। शनिवार को विश्व हृदय दिवस पर डॉक्टर लोगों को हृदय रोग से बचाव को जागरूक करेंगे।
धूम्रपान, शराब और फास्ट फूड के सेवन से मोटापा और हृदय को खून सप्लाई करने वाली धमनियों में ब्लॉकेज हो रही है। दिल में खून की सप्लाई कम पहुंचने से हार्ट अटैक हो रहे हैं। ऐसे केस में पहले एक घंटा काफी महत्वपूर्ण है। इसमें सही इलाज मिलने पर मरीज को बचाया जा सकता है।
निजी इलाज महंगा, सरकारी में सुविधा नहीं
हृदय रोगियों को एसएन और जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा। यहां कैथ लैब नहीं है। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है। यह बहुत महंगा है। डॉक्टरों की फीस और जांच का खर्चा एक से दो हजार रुपये है। हार्ट अटैक पड़ने पर मरीज को 24 घंटे भर्ती रखा जाता है। जांच भी कराई जाती हैं। इसका खर्चा 15 से 20 हजार रुपये आता है।
ये हैं प्रमुख कारण
- मधुमेह, तनाव, तंबाकू का सेवन, फास्ट फूड।
ये करें
- फास्ट फूड का सेवन न करें, घर का बना हुआ खाना खाएं।
- नमक का सेवन कम करें, चिकनाई युक्त भोजन न लें।
- सुबह टहलना शुरू करें और तनाव मुक्त रहें।
हृदय रोग के लक्षण
- सीने में दर्द, बेचैनी, घबराहट, चक्कर आना, पसीना आना
ये है हाल
- 50 फीसद मरीज 60 साल से अधिक
- 30 फीसद मरीज 60 से 40 साल की उम्र में
- 20 फीसद मरीज 40 साल से कम उम्र में
नयति हॉस्पिटल ने लगाया हास्य शिविर
विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को नयति हॉस्पिटल द्वारा पालीवाल पार्क में हास्य योग शिविर आयोजित किया गया। एडीएम सिटी केपी सिंह, सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स, डॉ. ज्योति तिवारी, डॉ. पियूष आदि मौजूद रहे।
23 साल की उम्र में एंजियोप्लास्टी करनी पड़ रही है। यह चिंता का विषय है। हार्ट अटैक पड़ने के एक घंटे में इलाज मिलने से अधिकांश केस में मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
डॉ. मनीष शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ
कम उम्र में हार्ट अटैक के केस देखने को मिल रहे हैं। इसका बड़ा कारण तनाव और फास्ट फूड का सेवन है।
डॉ. सुवीर गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ
मजदूर वर्ग में फास्ट फूड और चिकनाई युक्त भोजन के बजाय होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ने से हृदय रोग के केस बढ़ रहे हैं।
डॉ. मनीष बंसल, फिजीशियन एसएन मेडिकल कॉलेज
हृदय रोगियों को सही समय पर सही इलाज मिलना चाहिए। स्टेंट और बाईपास सर्जरी का चयन भी डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जाना चाहिए।
डॉ. सुशील सिंघल, कार्डियक सर्जन