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सालों से नहीं पास पर रोज होती है उनसे तकनीक के सहारे 'मुलाकात'

तकनीक के तार से विदेशों में रहने वालों से जुड़े हुए हैं परिवार! कार्य की व्यस्तता के चलते आने का नहीं समय पर वीडियो कॉल से रहते जुड़े!

By Edited By: Published: Wed, 15 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 10:01 AM (IST)
सालों से नहीं पास पर रोज होती है उनसे तकनीक के सहारे 'मुलाकात'
सालों से नहीं पास पर रोज होती है उनसे तकनीक के सहारे 'मुलाकात'
आगरा, अम्बुज उपाध्याय। महर्षि पुरम निवासी राहुल तीन साल से ब्रिटेन में उच्च शिक्षा पाने गए हुए हैं। उनकी मां सुबह पांच बजे रोज उठते ही उन्हें फोन कर उठाती थी, तो उधर से आवाज आती थी कि मां अभी रात का एक बजा है। पिता अनिल कुमार दिल्ली में प्राइवेट जॉब में व्यस्त रहते हैं, लेकिन मां पूरे दिन में तीन से चार बार वीडियो कॉल कर खाने से लेकर पढ़ाई का हाल पूछती हैं। मां काम में व्यस्त हो जाएं तो राहुल भी अपना हाल सुनाने और मां को देखने के लिए मोबाइल का सहारा लेते हैं। राहुल अकेले ऐसे नहीं हैं, शहर के सैकड़ों युवक, युवतियां परिवार से शिक्षा या रोजगार के कारण दूर हो गए हैं। इन सभी की अपनों से दूरियों को तकनीक ने समेट दिया है। परिवार सालों से साथ नहीं होने के बाद भी तकनीक के सहारे वास्तविक न सही, लेकिन रोज वर्चुअल (फोन पर) मुलाकात होती है। विजय नगर कॉलोनी निवासी सुषमा जैन एवं किशोर चंद जैन के बेटे सिद्धार्थ जैन वर्ष 2004 से सिंगापुर में हैं। वे बारहवीं करते ही स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने चले गए थे। उस समय तकनीक ज्यादा मजबूत नहीं थी, इसलिए फोन कॉल से हाल चाल ले लिया जाता था। सिद्धार्थ के बड़े भाई रजित जैन बताते हैं भाई की शादी भी हो गई है और वे सिंगापुर में मल्टीनेशनल कंपनी में ही काम करते हैं। तकनीक बढ़ी और विभिन्न एप आ गई। अब मां को भाई से बात करने के लिए इंतजार नहीं करना होता है। सिंगापुर में भारत से ढाई घंटे का अंतर है, लेकिन मां पूरा खाने से लेकर ऑफिस तक में कई बार हाल जान लेती हैं। भाई भी घर लौटने के बाद जब तक एक से दो बार बात न कर ले, उनका दिन खत्म नहीं होता है। सिद्धार्थ परिवार के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने वीडियो कॉल से उसका पूरा आनंद लिया। विजय नगर निवासी सविता गोयल और स्व. अमरनाथ गोयल के बेटे राहुल गोयल एक दशक से ज्यादा से अमेरिका में हैं। छोटे भाई मोहित गोयल आगरा में व्यापार करते हैं। उन्होंने बताया कि मां जब तक दिन में एक से दो बार भाई को देख न ले उनका दिन नहीं गुजरता है। कई बार तो वीडियो से कॉल से क्या खाना, क्या पहनना है इसके डिस्कशन भी लंबे चलते हैं। शहर के सितारा होटल में काम करने वाले वीके ंिसह का बेटा रजत कुमार सिंह हॉस्पीटेलिटी में चेन्नई में है। देश में होने के बाद भी कार्य की व्यस्तता के चलते वे समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में वीडियो कॉल के जरिये ही वे परिवार की कुशलता जान लेते हैं।

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