Move to Jagran APP

स्ट्रीट डॉग्स की रहनुमा विनीता

तनु गुप्ता,आगरा: अपने घरों में विदेशी नस्ल के श्वान पालने का शौक बहुतों को होता है, पर विनीता अरोड़ा का जुनून है आवारा घायल श्वानों की अपनी संतान की तरह देखभाल करना, उन्हें आश्रय देना। पोइया स्थित अपने 250 गज के फार्म हाउस को कैस्पर्स होम का नाम देकर विनीता ने दर्जनों आवारा श्वानों का आश्रयस्थल बना रखा है। वर्तमान में विनीता के कैस्पर्स होम में 55 श्वान हैं जोकि सड़क दुर्घटना में घायल थे। वे आवारा श्वानों को गोद लेने के लिए भी लोगों को प्रेरित करती हैं। जब तक उनके गोद लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती कैस्पर्स होम में ही रखती हैं। इस काम में उन्हें खासी सफलता भी मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Oct 2017 01:24 AM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2017 01:24 AM (IST)
स्ट्रीट डॉग्स की रहनुमा विनीता
स्ट्रीट डॉग्स की रहनुमा विनीता

तनु गुप्ता,आगरा: अपने घरों में विदेशी नस्ल के श्वान पालने का शौक बहुतों को होता है, पर विनीता अरोड़ा का जुनून है आवारा घायल श्वानों की अपनी संतान की तरह देखभाल करना, उन्हें आश्रय देना। पोइया स्थित अपने 250 गज के फार्म हाउस को कैस्पर्स होम का नाम देकर विनीता ने दर्जनों आवारा श्वानों का आश्रयस्थल बना रखा है। वर्तमान में विनीता के कैस्पर्स होम में 55 श्वान हैं जोकि सड़क दुर्घटना में घायल थे। वे आवारा श्वानों को गोद लेने के लिए भी लोगों को प्रेरित करती हैं। जब तक उनके गोद लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती कैस्पर्स होम में ही रखती हैं। इस काम में उन्हें खासी सफलता भी मिल रही है।

loksabha election banner

कैस्पर की याद में बनाया कैस्पर्स होम

विनीता बताती हैं कि उनके पेट कैस्पर की चार वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिससे आहत हो उन्होंने आवारा श्वानों को अपनत्व भरा आशियाना देने के लिए अपने पति सुनील अरोड़ा के सहयोग से कैस्पर्स होम की स्थापना की। शुरुआत में 12 घायल और बीमार श्वानों को यहां रखा गया। देखरेख के लिए वॉलिंटियर रखे। कड़ी से कड़ी जुड़ी। अन्य शहरों के पशु प्रेमियों से मार्गदर्शन लिया। स्थानीय पशु चिकित्सकों से संपर्क साधा ताकि कहीं दुर्घटना होने पर श्वान के इलाज के लिए वे सहयोग करें। इसमें दुर्घटनाग्रस्त गाय एवं अन्य पशुओं के इलाज के लिए भी सहयोग लिया जाता है।

विनीता बताती हैं कि कैस्पर्स होम में लोगों के घरों के पेट्स भी हैं। अक्सर लोग पेट्स घर ले तो आते हैं लेकिन उनकी देखरेख नहीं कर पाते। उनकी दुदर्शा को देखते हुए घरेलू पेट्स के लिए भी कैस्पर्स होम के दरवाजे विनीता ने खोले हुए हैं।

स्ट्रीट डॉग्स पर लिखी किताब को मेनका गांधी ने सराहा

ओडिसी ऑफ स्ट्रीट डॉग्स नाम से विनीता ने किताब भी लिखी है। जिसकी महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी खासी सराहना की है। विनीता की इस पुस्तक को ई शॉपिंग साइट पर भी हाथों हाथ लिया गया।

जनसहयोग से फलफूल रहा कैस्पर्स होम

विनीता अरोड़ा का प्राणी प्रेम शहर के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बना है। सूर्य नगर की मोना मखीजा, नमिता होरा, मोनिका सहगल, श्वेता दीक्षित आदि महिलाएं कैस्पर्स होम के श्वानों के लिए हर माह राशन भेजती हैं। यहां रहने वाला रसोइया श्वानों के लिए भोजन पकाता है, जिसे स्वच्छता के साथ अलग-अलग बर्तनों में श्वानों को दिया जाता है। बीमार श्वानों के इलाज के लिए किरन छाबड़ा, यश गौतम, अंकित अमरनानी आदि सहायता करते हैं।

गोद देने के बाद होता है फोलोअप भी

विनीता ने स्कूल-कॉलेज के बच्चों को जागरूक किया। श्वानों को गोद देने के बाद ये बच्चे उनका फोलोअप करते हैं। समय- समय पर विनीता स्वयं विजिट करती हैं। यदि फोलोअप के दौरान देखरेख में कोई कमी दिखती है तो श्वान को वापस ले लिया जाता है। वे बताती हैं कि श्वानों को गोद देने की प्रक्रिया बिल्कुल बच्चों जैसी ही होती है। किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

टॉक

आवारा श्वानों को लिया गोद तो बदली सोच

मुझे बचपन से ही पेट्स पालने का शौक था। विदेशी नस्ल के पेट्स मुझे समझदार लगते थे लेकिन जब कैस्पर्स होम के बारे में सुना तो सोच बदल गई। यहां से गोद लिया भोलू मेरा सच्चा दोस्त है।

- स्मिता चतुर्वेदी

हर कोई घरों में विदेशी श्वानों को ही रखना पसंद करता है जबकि देशी श्वानों को उचित आहार और देखरेख दी जाए तो ये नस्ल दुनिया में सबसे बेहतर है।

- प्रियंका चौहान

कैस्पर्स होम से लिया गया बैंजो बहुत तेज और समझदार है। हम कहते रहते हैं कि दिन पर दिन स्ट्रीट डॉग्स की संख्या बढ़ रही है। यदि हम सोच बदल लें तो इनकी संख्या भी नियंत्रित हो सकती है और इन्हें आश्रय भी मिल सकता है।

- नितिन कुमार शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.