सामूहिक विवाह में बाल विवाह, अब चला महिला आयोग का डंडा, कार्रवाई के हुए ये आदेश Agra news
आठ नंवबर को विश्व सेवा चैरिटेबल फाउंडेशन के सामूहिक विवाह में सामने आया था मामला। पाॅक्सो जेजे और बाल विवाह अधिनियम में कार्यवाही के डीएम को दिए निर्देश।
आगरा, जागरण संवाददाता। तरक्की की राह पर बढ़ने का दावा करने वाले समाज में आज भी कुछ कुप्रथाएं बेखौफ चल रही हैं। स्कूल जाने की उम्र में हाथ पीले कर दिए जा रहे हैं। कानून के खौफ के चलते अब बाल विवाह करवाने वालों ने नया रास्ता अपना लिया है। इन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त जरीया हैं सामूहिक विवाह आयोजन। देवोत्थान एकादशी आठ नवंबर को शहर में हुए एक सामूहिक विवाह आयोजन में बाल विवाह के कई मामले सामने आए। अब जब मामला महिला आयोग तक पहुंचा तो कार्रवाई और टॉस्क फोर्स गठित करने के आदेश हो गए हैं।
सामूहिक िविवाह समारोह गैर कानून कार्य करने का सबसे सरल साधन बनते जा रहे हैं। देवोत्थान एकादशी पर शहर में दर्जनों समाजसेवी संस्थाओं ने सामूहिक विवाह करवाए थे। इनमें से ही एक आयोजन जीआईसी मैदान पर भी हुआ। विश्व सेवा चैरिटेबल फाउंडेशन ने ये आयोजन किया था। विवाह समारोह में कुछ नाबालिग वर वधू की सूचना चाइल्ड लाइन और महफूज सुरक्षित बचपन टीम को मिली। जानकारी पर संयुक्त टीमें मौके पर पहुंचीं और दस्तावेजों की पड़ताल की। दस्तावेजों के आधार पर चार लड़कियां 18 वर्ष से कम तथा दो युवकों की उम्र 21 वर्ष से कम थी। दो लड़कियों की उम्र संदिग्ध पाई गई जिनकी उम्र के दस्तावेज नहीं थे। एक में उम्र के लिए नोटरी तथा दूसरे में वर्ष 2015 का राशन कार्ड लगाया गया था। उम्र के लिए सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र या एजुकेशन सर्टीफिकेट को ही मान्यता है। आधार कार्ड में अंकित जन्मतिथि के अनुसार भी लड़के और लड़की बालिग नहीं थे। इस बाबत चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित से मुलाकात कर सामूहिक विवाह में हुए बाल विवाह की जानकारी दी।
मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग सदस्य ने डीएम को पत्र जारी कर पाॅक्सो, जेजे और बाल विवाह अधिनियम में कार्यवाही के आदेश दिए हैं। साथ ही इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसलिए बाल विवाह रोकने के लिए टाॅस्क फोर्स गठित करने के आदेश दिए हैं।
आज भी होते हैं जिले में 21 फीसद बाल विवाह
चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस के अनुसा जनपद में बड़े पैमान पर बाल विवाह होते हैं। नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के मुताबित आज भी जिले में 21 फीसदी बाल विवाह होते हैं। इनकी रोकथाम बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए टाॅस्क फोर्स का होना बहुत जरूरी है।
सामूहिक विवाह से पूर्व जमा होंगे दस्तावेज
राज्य महिला आयोग के आदेश के अनुसार अब कोई भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था सामूहिक विवाह कराती है तो उससे पूर्व वर-वधू की उम्र संबंधी दस्तावेज जिला मुख्यालय में उपलब्ध कराने होंगे। उसके बाद ही सामूहिक विवाह के आयोजन की अनुमति मिलेगी। इसके लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को भी पत्र दिया गया है।