Ek Paudha Zindagi Ke Naam: आगरा में प्रकृति को सहेजने सामने आ रही महिलाएं
Ek Paudha Zindagi Ke Naam दैनिक जागरण के अभियान में दिख रहा महिलाओं को अनोखा रूप। पारस पर्ल्स एक्सटेंशन सोशल वेलफेयर सोसायटी में रहने वाली शशि खुराना बचपन से ही प्रकृति प्रेमी हैं। प्रताप नगर निवासी कल्पना अग्रवाल ने रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर पौधे रोपित किए।
आगरा, जागरण संवाददाता। प्रकृति और महिला एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे हैं। जैसे एक महिला के अनेक रूप होते हैं। हर रूप में वो अपने रिश्तों को सहेजने की कोशिशों में लगी रहती है, उसी प्रकार प्रकृति भी हर इंसान से एक रिश्ता जोड़कर उसे फल, हवा, छांव और न जाने कितने फायदे देकर उससे अपने रिश्ते को सहेजती है। दैनिक जागरण के अभियान एक पौधा जिंदगी के नाम में एेसी ही कुछ महिलाओं ने उदाहरण पेश किए हैं।
गुठलियां लेकर पहुुंच गईं शशि खुराना
पारस पर्ल्स एक्सटेंशन सोशल वेलफेयर सोसायटी में रहने वाली शशि खुराना बचपन से ही प्रकृति प्रेमी हैं। वह आम और जामुन की गुठलियों को कचरे में नहीं फेंकती। हमेशा अपने पास रख लेती हैं। इन गुठलियों को वह अपार्टमेंट परिसर में मिट्टी में दबा देती हैं या बाहर जाते समय जहां मैदान दिखता है, वहां डाल देती हैं। इससे यह गुठली बहुत जगह पौधे से पेड़ बन जाती हैं। रविवार को भी पौधारोपण के दौरान वह गुठलियां लेकर उन्हें पार्क की मिट्टी में दबाने पहुंच गईं।
जन्मदिन पर लगाए पौधे
प्रताप नगर निवासी कल्पना अग्रवाल ने रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर पौधे रोपित किए। उन्होंने 60 से ज्यादा पौधे लगाए, जिनमें फल, सब्जियों और फूलों के पौधे शामिल हैं। कल्पना का कहना था कि कोरोना काल में प्रकृति का महत्व हम सभी को समझ आया है। मैं तो अपने सभी स्वजनों से भी कह चुकी हूं कि अपने जन्मदिन पर पौधे जरूर रोपित करना क्योंकि लाकडाउन में प्रकृति जिस रूप में दिखी थी, उस रूप को हमेशा बरकरार रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी ही होगी।