बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश हत्याकांड में इंस्पेक्टर सतीश ने खोली जुबान Agra News
हत्याकांड के संबंध में मैनपुरी में तैनात इंस्पेक्टर सतीश ने दर्ज कराए बयान। मेरठ में तैनाती के दौरान वर्ष 2012 से हुआ था दरवेश और मनीष से परिचय।
आगरा, जागरण संवाददाता। दीवानी परिसर में उत्तर प्रदेश बार कौंसिल अध्यक्ष की हत्या में गुरुवार को इंस्पेक्टर सतीश यादव ने अपने बयान दर्ज कराए। दरवेश को बधाई देकर सतीश के चैंबर से निकलने के चंद सेकेंड बाद ही अधिवक्ता मनीष शर्मा ने बार कौंसिल अध्यक्ष को गोलियां से भून दिया था।
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल का अध्यक्ष बनने के 48 घंटे बाद ही दरवेश सिंह की हत्या कर दी गई थी। दीवानी परिसर में 12 जून को स्वागत समारोह के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में बैठी दरवेश को साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने लाइसेंसी पिस्टल से चार गोलियां मारने के बाद खुद की कनपटी पर भी गोली मार ली थी। घटना के समय दरवेश सिंह के परिचित मैनपुरी में तैनात इंस्पेक्टर सतीश यादव भी उन्हें बधाई देने गए थे। गोलीकांड के समय वह चैंबर से कुछ कदम ही दूर थे।
इंस्पेक्टर सतीश यादव ने बताया कि दरवेश सिंह से उनका परिचय वर्ष 2012 में मेरठ में तैनाती के दौरान हुआ था। इसके बाद उनके और दरवेश के परिवारिक संबंध हो गए। उनका आगरा तबादला होने पर दोनों के परिवारों का एक दूसरे के यहां जाना हो गया। वह दरवेश के साथ कई बार मनीष शर्मा के घर पर भी गए थे।
इंस्पेक्टर ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि आगरा में दांतों का इलाज करा रहे हैं। वह 12 जून को इलाज कराने आए थे। इस बीच दरवेश को बधाई देने दीवानी परिसर उनके चैंबर में गए थे। दरवेश से मिठाई खाने के बाद वह चैंबर से बाहर निकलकर चले गए। कुछ दूर जाने के बाद ही ताबड़तोड़ गोलियां चलने की आवाज सुनकर चैंबर में पहुंचे। वहां दरवेश और मनीष दोनों को खून से लथपथ हालत में पड़ा देखा। वह लोगों के साथ दरवेश को अस्पताल लेकर गए थे। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीओ हरीपर्वत गोपाल चौधरी के अनुसार इंस्पेक्टर सतीश यादव ने गुरुवार को अपने बयान दर्ज कराए।
अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं सतीश यादव
इंस्पेक्टर सतीश यादव अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं। वह राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिता जीत चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में हिस्सा ले चुके हैं। इसके चलते उन्हें पुलिस विभाग में सीधे नौकरी मिली थी। आगरा में वह लोहामंडी, शाहगंज, रकाबगंज आदि थानों में तैनात रहे हैं।
मनीष को पसंद नहीं थे दरवेश को हौसला देने वाले
पुलिस सूत्रों के अनुसार दरवेश सिंह का हौसला बढ़ाने वाले लोग हत्यारोपित अधिवक्ता मनीष शर्मा को कतई पसंद नहीं थे। इसलिए उनके और दरवेश के बीच दूरी कायम रखने की कोशिश करता था। मनीष चाहता था कि दरवेश हर मामले में उससे मशविरा करे और उसे ही प्राथमिकता दे। इसीलिए दरवेश के जिन लोगों से अच्छे संबंध थे, मनीष उन सबको नापंसद करता था। सतीश यादव भी उनमें से एक थे।
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