Move to Jagran APP

आदमखोर जंगली कुत्तों ने झुंड में आकर बच्ची का किया था शिकार, ग्रामीण कर रहे पहरेदारी

बच्ची मारने वाले कुत्ते नहीं थे आम। पहले गांव में घुस खाते रहे मवेशी फिर मारने लगे बच्चों पर झपट्टा। गांव के पास 555 बीघा में फैला है जंगल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 11:42 AM (IST)
आदमखोर जंगली कुत्तों ने झुंड में आकर बच्ची का किया था शिकार, ग्रामीण कर रहे पहरेदारी
आदमखोर जंगली कुत्तों ने झुंड में आकर बच्ची का किया था शिकार, ग्रामीण कर रहे पहरेदारी

आगरा, उमेश भारद्वाज। खेत पर परिजनों के पास जा रही बच्ची की चीखें अब भी ग्रामीणों के कान में गूंज रही हैं। रास्ते में बच्ची को कुत्तों के झुंड ने शिकार बनाया था और इसके बाद बच्ची की मौत हो गई। पिसावा गांव की घटना को प्रशासन अभी भी बेहद हल्के में ले रहा है। असल में यह आम घटना नहीं है। कारण, बच्ची पर जिन कुत्तों ने हमला किया वह आम कुत्ते नहीं बल्कि जंगली हंै। इन जंगली कुत्तों का झुंड पास के ही जंगल में रहता है। पहले वह मवेशियों पर हमला करता रहा। घटना को हल्के में लेने का नतीजा यह हुआ कि एक परिवार ने अपनी मासूम को खो दिया। ग्रामीणों ने घटना के बाद ङ्क्षहसक झुंड के चार कुत्तों को लाठियों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।

loksabha election banner

बरसाना क्षेत्र का गांव पिसावा धार्मिक मान्यता के 555 बीघा में फैले अश्वत्थामा झाड़ी के निकट बसा हुआ है। जंगली जानवर नील गाय, सूअर और हिरन तक तो ग्रामीणों ने देखे हैं जो कभी-कभार गांव तक आ जाते थे। जब यह बंद हुए तो जंगली शक्ल के कुत्ते गांव के आसपास दिखाई देने लगे। 75 वर्षीय छिद्दी बताते हैं कि कोई पांच-छह साल पूर्व से वह इन कुत्तों को देख रहे हैं। गांव के बाहर मवेशीखाना है, यहां लोग मरे पशु डाल जाते हैं। जब कोई मृत पशु आता तो यह कुत्ते उसे खा जाते थे। रोज-रोज पशु भी नहीं मरते, कुत्तों के झुंड ने पशुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया, आधा दर्जन लोगों के पशुओं को छह माह में इन कुत्तों ने अपना निवाला बना डाला। पहली बार इंसान पर हमले से ग्रामीण सकते हैं। सत्यप्रकाश ने बताया कि भूपङ्क्षसह की बेटी देवकी के साथ घटित घटना के बाद सायंकाल वह फावड़ा लेकर अपने खेत पर पहुंचे तो कुत्तों ने उन पर हमला बोल दिया, उन्होंने फावड़ा चलाकर जैसे-तैसे अपने को बचाया।

पशु विभाग की टीम पहुंची

पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने बुधवार को पीडि़त के यहां जाकर मामले की जानकारी ली। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार, पशु चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कटेलिया, पशु मित्र ओम प्रकाश आदि पहुंचे। विभाग अपनी रिपोर्ट देगा, इसमें वन विभाग से कुत्तों को पकडऩे की संस्तुति की जाएगी।

गांव में पिछले तीन-चार माह में जंगली कुत्ते गांव के बाहर नौहरे, खेत, घर के बाहर बंधी गाय और बछड़े को खा गए। इनमें खच्ची चाचा की पढिय़ा, रघुवर का जैंगरा गाय का बछड़ा, भगवत की तीन साल की पढिय़ा शामिल है। मैंने एक पशु को बचाया तो कुत्तों ने मुझ पर अटैक कर दिया।

सीताराम, स्थानीय निवासी

गांव में जंगली कुत्तों का आतंक बढऩे लगा है। गांव के कुत्ते तो सीधे हैं, गांव के बाहर मवेशीखाने पर मृत पड़े पशुओं को खाने वाले जंगली कुत्तों के द्वारा यह पहली घटना है, जब किसी बच्चे को शिकार बनाया है। पुलिस और प्रशासन को जानकारी दे दी है। लेखपाल कन्हैया और पशु विभाग के अधिकारी आए थे।

कालीचरन, प्रधान गांव पिसावा 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.