Namaste trump: अमेरिकी राष्ट्रपति की अगवानी में 3500 कलाकारों ने दी प्रस्तुति Agra News
अमेरिकी राष्ट्रपति की अगवानी में एयरपोर्ट पर ही 300 कलाकारों ने दी प्रस्तुति। पूरे रूट पर कुल 3508 कलाकार थे मौजूद सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए।
आगरा, जागरण संवाददाता। शह-ए-मोहब्बत की सरजमीं पर अमेरिकी दोस्त के कदम पड़ते ही मयूर नृत्य ने उनका मन मोह लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पत्नी मेलानिया का एयरफोर्स स्टेशन पर बम रसिया और मयूर नाच से स्वागत किया गया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। स्टेशन पर तीन सौ कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
अमेरिकी राष्ट्रंपति पत्नी, मेलानिया और बेटी इवांका के साथ निर्धारित समय से करीब आधा घंटे पहले ही ताजनगरी पहुंच गए। ठीक सवा चार बजे एयरफोर्स वन विमान अहमदाबाद से आगरा टंप को लेकर पहुंच गया। ट्रंप की अगवानी के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहले से ही यहां मौजूद थे। ट्रंप के स्वागत के लिए ब्रज के सैंकड़ों कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने के लिए तैयार थे।
विमान का दरवाजा खुलने के बाद जब ट्रंप पत्नी सहित बाहर आए तो एयरपोर्ट ही ब्रज की कला और संस्कृति की झलक देखकर अविभूत हो गए। ट्रंप जैसे जैसे विमान की सीढि़यों से नीचे उतर रहे थे कलाकार अपनी कला का लगातार प्रदर्शन करते रहे। ये देख विश्व के सबसे शक्तिशााली देश के सबसे ताकतवर नेता के चेहरे पर एक कला प्रेमी की भांति मुस्कान बिखरी हुई दिखाई दी। तालियां बजाकर उन्होंने ब्रज की इस कला का सम्मान किया। मयूर नृत्य से प्रभावित होने के बाद नगाड़े पर थिरक रहे कलाकारों का भी उत्साहवर्धन उन्होंने किया। ब्रज की इस सांस्कृतिक झलक को देखने के बाद उनके मन में ताज के दीदार की ललक और बढ़ गई। इसके बाद उनका काफिला होटल अमर विलास के लिए रवाना हाेे गया।
ट्रंप को ब्रज की संस्कृति की यह झलक अपने पूरे मार्ग में भी दिखाई दी। खेरिया एयरपोर्ट से होटल अमर विलास तक जगह जगह सजाए गए मंचों पर कलाकारों की प्रस्तुतियां उनका मन आकर्षित करती रहीं।
3508 कलाकारों ने अपनी कला से किया ट्रंप का स्वागत
खेरिया हवाई अड्डे पर एयरफोर्स वन से उतरने के बाद ट्रंप का काफिला अजीत नगर गेट, ईदगाह चौराहा, टैंक चौराहा, माल रोड, फतेहाबाद रोड होता हुआ होटल अमर विलास पहुंचा। इस पूरे रूट पर ट्रंप का अभूतपूर्व स्वागत किया गया। जगह-जगह पूर्वांचल की 30 विधाओं, अवध की 16 विधाओं, बुंदेलखंड और ब्रज की आठ-आठ, पश्चिम की सात विधाओं की झलक दिखी। सबसे अधिक प्रस्तुतियां ब्रज के कलाकारों ने दी। 405 कलाकारों ने मयूर नृत्य किया। इनमें 300 राधाकृष्ण के स्वरूप थे। 80 कलाकारों ने रसिया गायन किया।
ये विधाएं दिखींं
ब्रज: बम रसिया, मयूर नृत्य, रासलीला, रसिया गायन, चरकुला नृत्य, भगत-स्वांग, गोडिय़ा लोकनृत्य, राधाकृष्ण स्वरूप।
बुंलेदलखंड: राई, पाई-डंडा, नौटंकी, आल्हा, लोक गायन, कुहाई, चंगेलिया, ढिमरियाई।
पश्चिम: आदिवासी नृत्य, नौटंकी, गुजरी, रागिनी, थियेटर, लोकनृत्य, नाट्य कला।
अवध: रामलीला, फरूवाही लोकनृत्य, सुराही लोकनृत्य, ढफला लोकनृत्य, बहुरुपिया, अवधी लोकनृत्य, कठपुतली, नटवरी आदि।
पूर्वांचल: शिव बारात, कथक-भरतनाट्यम, ढिंढिया लोकनृत्य, शहनाई वादन, शंख वादन, डमरू वादन, धोबिया नृत्य आदि।
कहां के कितने कलाकारों ने दी प्रस्तुति
1014 कलाकार पूर्वांचल की प्रस्तुतियां दीं
990 कलाकार ब्रज की संस्कृति की छटा बिखेरी
784 कलाकार अवध की विधाएं प्रस्तुत कीं
518 कलाकार बुंदेलखंड की प्रस्तुतियां दीं
202 कलाकार पश्चिम संस्कृति प्रदर्शित किया