Webinar: MSME के साथ उद्यम संवाद में सामने आई सरकार की नीति और नीयत
Webinar औद्योगिक विकास से ही साकार होगी विकसित भारत की परिकल्पना। संवाद में उद्यमियों ने मंथन से बनाया सरकार के साथ बनाया सामंजस्य का सेतु।
आगरा, जागरण संवाददाता। सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) ही भारत के उद्योगों की जान है इसका भारत के कुल उत्पादन में लगभग 33.4 फीसद का योगदान है। इसकी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो तभी हम औद्योगिक विकास के साथ विकसित भारत की परिकल्पना कर सकते हैं।
सोमवार को कॉरपोरेट काउंसिल फॉर लीडरशिप एंड अवेयरनेस, एफमेक एवं रावी इवेंट द्वारा भारत सरकार के एसएमएमई मंत्रालय के सहयोग से वेबीनार उद्यम संवाद 2020 के द्वितीय सत्र का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार ने कहा ने कहा कि बहुत जल्द ही कर्ज की अड़चनें दूर होंगी। एमएसएमई निदेशक टीआर शर्मा बोले अब भारत के प्रोड्क्ट भी अपनी गुणवत्ता से चीन के उत्पादों से टक्कर लेंगे। लोकल को वोकल बनाने पर खास जोर होगा। कोविड संकट के बीच जनजीवन सामान्य हो रहा है प्रवासी मजदूर चले गए हैं, वे अब वापस लौट रहे हैं। करीब 25 प्रतिशत श्रमिक वापस आ भी गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई तेजी से सक्रिय हो रहा है, वहां भी उत्पादन को तेजी से बढ़ाया जाएगा। वेबीनार में एमएसएमई े ससीडीओ - सुशील यादव, सीडीओ, एमएसएमई
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, रोमसंस ग्रुप के एमडी किशोर खन्ना, सुशील गुप्ता, शत्रुघ्नन सिंह चौहान, रोहित जैन, राजेश मंगल, डॉ. सुरेंद्र भगौर, सीएस कृति उपाध्याय, असलम के सैफी, मनीष अग्रवाल, वेबीनार समन्वयक ब्रजेश शर्मा शामिल हुए।
उद्यमियों की मांगे
- चीन से मुकाबले को प्रोत्साहित करने होंगे स्थानीय उद्योगों।
- सहज तरीके से मिले उद्यमियों को ऋण।
- कर्ज का आवेदन निरस्त होने पर एक स्वतंत्र एजेंसी करें मामले का सत्यापन।
- पूर्ण तरीके से लागू हो सिंगल विंडो सिस्टम।
- सरकारी योजनाओं का हो सरलीकरण।
- उद्यमियों और उद्योगों को प्रोत्साहित करने वाली योजना का हो विस्तृत प्रचार प्रसार।
- विकसित देशों से प्रेरणा लेकर उद्योग ढांचे में किया जाए व्यापक बदलाव।
- एनजीटी प्रभावित क्षेत्रों में प्रदूषण रहित इंडस्ट्री को किया जाए खास प्रोत्साहित।