UP Weather 2019: मौसम हुआ फिर बेइमान, धूप के बाद अचानक पड़े ओले
शुक्रवार सुबह से बदला हुआ है मौसम का मिजाज। मैनपुरी के देहात क्षेत्र में अचानक हुई बारिश और गिरे ओले।
आगरा, जेएनएन। गुरुवार के बाद मौसम का मिजाज शुक्रवार को भी बेइमान हो रहा है। सुबह हल्के कोहरे के बाद धूप तो निकली लेकिन कुछ ही देर में बादलों ने अपनी ओट में ले लिया। इसके बाद अचानक बारिश होने लगी और फिर ओले भी पड़ गए। हालाकि ब्रज मंडल के सभी जिलों में अभी बारिश के नहीं हुई है लेकिन बादल और धूप की लुकाछुपी चल रही है। मैनपुरी में अब से कुछ देर पहले तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले गिरे हैं। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी मौसम का मिजाज ऐसे ही रहने का अनुमान है। रविवार से मौसम के हालात बदलेंगे।
मौसम के इस परिवर्तन से गुरुवार को अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शुक्रवार को मैनपुरी में सुबह हल्के कोहरे के बाद तेज धूप निकल आई थी लेकिन देहात में मौसम ने अचानक करवट ली। भोगांव, किशनी और करहल क्षेत्र में सुबह दस बजे से बारिश होनी शुरू हो गई। कुछ ही देर में बारिश के साथ ओले भी पडऩे लगे।
आलू और सरसों को नुकसान तो गेंहू की फसल मुस्कुराई
गुरुवार सुबह किसानों के लिए आसमान से आफत बरसी। खेतों में बारिश के साथ ओले गिरे। फसल बर्बाद होने की आशंका से किसानों की आंखों से आंसू छलक पड़े। बारिश से सरसों और आलू की फसल में नुकसान हुआ है, जबकि गेहूं के लिए यह लाभकारी है। हालांकि ओले से आंशिक नुकसान होगा।
गुरुवार सुबह एत्मादपुर क्षेत्र के बरहन, खंदौली और पिनाहट में बारिश संग ओले पड़े। अछनेरा में बारिश हुई। बेमौसम बारिश ने किसानों की अरमानों पर पानी फेर दिया। खेतों में आलू की फसल तैयार है। 15 फरवरी से खोदाई शुरू होनी थी लेकिन बारिश और ओलों के कारण खेतों में पानी भर गया है। ऐसे में खोदाई 20 दिन लेट हो जाएगी। खेतों में पानी भर जाने के कारण मिïट्टी आलू में चिपक जाएगी। इससे आलू के सडऩे की आशंका है। कृषि जानकारों का कहना है कि इससे आलू के उत्पादन पर असर पड़ेगा। अगर अभी बारिश और हुई तो तीस से चालीस फीसद तक नुकसान हो सकता है।
सरसों में 40 फीसद तक नुकसान
सरसों की फसल भी पूरी तरह तैयार है। ओले और बारिश से सरसों की फली फट गई है। ऐसे में उत्पादन तीस से चालीस फीसद तक कम हो जाएगा। सरसों उगाने वाले किसान बेहद चिंतित हैं। फसल की कटाई शुरू हो गई थी। ऐसे में इस बारिश ने मुश्किल खड़ी कर दी है।
अब और बारिश हुई तो गेहूं को नुकसान
गेहूं की फसल में दो बार पानी लग चुका है। अब तीसरे पानी की जरूरत थी। ऐसे में गुरुवार को हुई बारिश के बाद सिंचाई करने की जरूरत नहीं बची। ओले गिरने से फसल में जरूर कुछ पत्ते फट गए हैं। ओले के कारण करीब 15 फीसद फसल प्रभावित हुई है। अब यदि और बारिश हुई तो गेहूं को नुकसान हो सकता है।
खेतों में पानी तो निकासी की करें व्यवस्था
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि बारिश से फसल प्रभावित हुई। आलू और सरसों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। किसानों को चाहिए कि यदि आलू और सरसों के खेत में पानी भरा है तो तत्काल उसकी निकासी की व्यवस्था करें। वे कहते हैं कि किसानों को चाहिए कि अब गेहूं के खेत में पानी न लगाएं, बारिश के कारण नमी बनी हुई है।
फसल के रकबे पर एक नजर
- 76 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई हुई।
- 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई हुई।
- 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में इस बार सरसों बोई गई।
नुकसान का हो रहा आकलन
ओले और बारिश से फसल में हुए नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। किसानों से फॉर्म भरवाकर उन्हें क्षतिपूर्ति भी दी जाएगी।
- प्रवेश कुमार, जिला कृषि अधिकारी