UP Weather 2019: ब्रज मंडल में कोहरे का पहरा, दृश्य शून्यता और गलन ने थाम दिया जनजीवन
शनिवार की अपेक्षा रविवार को अधिक छाया कोहरा और बढ़ी सर्दी। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का दिख रहा असर। आलू किसानों के लिए फायदा।
आगरा,जागरण संवाददाता। रविवार यूं तो अवकाश का दिन होने के कारण अपनी चाल कम ही रखता है लेकिन कोहरे के पहरे के कारण ये चाल थमी हुई है। ब्रज मंडल कोहरे के आगोश में ठिठुरा हुआ है। गलन और सर्द हवाओं ने लोगों को देर तक रजाई में से निकलने नहीं दिया। वहीं जो लोग जिंदगी की दौड़भाग की व्यस्तता में थे उनकी रफ्तार कोहरे कारण हुई दृश्य शून्यता ने थाम दी।
मौसम के बदले मिजाज के कारण सुबह देर तक बाजारों में लोग दिखाई ही नहीं दे रहे। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण ये हालात बने हैं। फिलहाल मौसम में राहत की उम्मीद नहीं है।
रविवार की सुबह कोहरे की चादर ने प्रेम की इमारत ताजमहल को भी ढक दिया। मेहताब बाग से ताजमहल दिखाई नहीं दे रहा था। इसके साथ ही सड़के भी कोहरे से प्रभावित हैं। सुबह सड़कों पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दे रहे थे। सुबह करीब साढ़े नौ चली हवाओं ने कोहरे के पहरे को कुछ कम किया लेकिन अभी भी आमजन जीवन पर सर्दी की मार दिखाई दे रही है।
डॉक्टर की सलाह
बच्चों का रखें विशेष ध्यान
- सर्दी में बच्चों को ज्यादा गर्म कपड़े पहनाकर रखें।
- बच्चों के सिर, पैर और कान हमेशा ढककर रखें।
- ठंडी चीजें न खिलाएं
- सर्दी जुकाम होने पर बच्चों को स्टीम दें।
डॉ. नीरज यादव, बाल रोग विशेषज्ञ
बुजुर्ग रखें अपना ध्यान
- बुजुर्ग और अस्थमा रोगी नियमित दवा लें।
- सुबह और शाम को घर से बाहर कम निकलें।
- हार्ट रोगी ज्यादा ठंड माहौल में जाने से बचें।
डॉ. जीवी सिंह, टीवी एंड चेस्ट विभाग, एसएन मेडिकल कॉलेज
'राजा' की सेहत शानदार, होगी बंपर पैदावार
मौसम के साथ देेने और रोग न आने से सब्जियों के राजा आलू की 'सेहतÓ इस बार काफी अच्छी है। इसके चलते बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। साथ ही किसानों को इस बार फसल का बेहतर मूल्य मिलने की आशा है। वहीं कच्चे आलू की खोदाई भी मैनपुरी जिले में तेजी से हो रही है।
मैनपुरी में इस बार 21 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में आलू की बुवाई हुई थी। दिसंबर और जनवरी में कोहरा न पडऩे से फसल पर झुलसा रोग नहीं आया। अन्य रोग भी फसल से दूर रहे। अब फसल 80 दिन से ज्यादा की हो गई है। जानकारों के अनुसार इस बार आलू का आकार व रंग काफी बेहतर है। बड़ी संख्या में किसानों ने कच्चे आलू की खोदाई कर गेहूं की बुवाई कर दी है।
लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य की मांग
किसानों का कहना है कि फसल भले ही बंपर हो जाए, लेकिन समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना घोषित न करने व खरीद की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। किसान किशन लाल का कहना है कि सरकार को कम से कम एक हजार रुपया प्रति कुंतल के भाव से आलू की खरीद करवानी चाहिए।