Shoe of WaterMelon: आगरा में 80 साल पहले बना था तरबूज के छिलके के सोल का जूता
Shoe of WaterMelon पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बाबा ने था बनाया। परिचित के सवाल का जवाब देने के लिए छिलके के सोल का बनाया था जूता। परिचित से ही पास कराया था छिलके के सोल का जूता आज भी चर्चित है यह किस्सा।
आगरा, अली अब्बास। आगरा ताजमहल और पेठे के अलावा जूता उद्योग के लिए मशहूर है। यहां की फैक्ट्रियों में तैयार किए गए जूताें की देश-विदेश में बेहद मांग है। ऐसे में जूते से जुड़ा कोई दिलचस्प किस्सा न हो तो यह बेमानी होगा। आगरा में करीब 80 साल पहले तरबूज के छिलके को सुखाकर उसे सोल का जूता बनाया गया था। तरबूज के छिलके के सोल से बना जूते का किस्सा आगरा के बाजार में आज भी चर्चित है।
इसे बनाने वाले कोई ओर नहीं बल्कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बाबा उस्ताद जफर थे। आगरा के नाई की मंडी की छोटी अथाई में पैदा हुए ममनून हुसैन के बाबा उस्ताद जफर की अनाज मंडी में जूता फैक्ट्री थी। उनके एक परिचित ने जो कि जूता उद्योग से जुड़े थे। उन्होंने उस्ताद की जूता बनाने की उनकी काबिलियत पर सवाल खड़ा कर दिया था। इस पर उस्ताद जफर ने उन्हें अलग ही अंदाज में जवाब देने की सोची।
उन्होंने तरबूज को सुखाने के बाद उसे साेल की जगह प्रयोग किया। छिलके के सोल का जूता बनाने के बाद उनकी काबिलियत पर सवाल उठाने वाले कारोबारी से उसे चेक कराने के पास भी करा दिया था। पास करने के बाद उस्ताद जफर ने व्यापाारी को जूते में तरबूज के छिलका प्रयोग करने की जानकारी दी। ममनून हुसेन के भांजे सीमाब आलम बताते हैं तरबूज के छिलके के सोल से बनाए जूता की यह कहानी मंटोला के जूता कारोबार से लोगों में प्रसिद्ध है।
खंडहर में तब्दील हो चुकी है जूता फैक्टी, मकान भी नया बन गया
ममनून के बाबा की जूता फैक्ट्री पूरे आगरा में प्रसिद्ध थी। उस वक्त आगरा के नाई की मंडी में बनी यह फैक्ट्री अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है। वहीं उनका घर जहां वह पैदा हुए थे। वह तोड़कर नया बनाया जा चुका है। जिसमें उनके रिश्तेदार रहते हैं।