कर लें पानी का स्टोरेज, ठप हो सकती है पुराने शहर की एक चौथाई जलापूर्ति Agra News
यमुना नदी का जलस्तर 481.3 फीट पर पहुंचा। तीस से चालीस मिनट तक हुई जलापूर्ति।
आगरा, जागरण संवाददाता। जीवनी मंडी वाटरवर्क्स पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। शनिवार को जलस्तर 481.3 फीट पर पहुंच गया। अगर जलस्तर में अब और भी कमी होती है तो इससे पुराने शहर की एक चौथाई जलापूर्ति ठप हो जाएगी।
शहर में जीवनी मंडी और सिकंदरा से जलापूर्ति होती है। जीवनी मंडी की क्षमता 225 एमएलडी की है जिसके मुकाबले शनिवार को 125 एमएलडी, सिकंदरा के दोनों प्लांट से 210 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई। जीवनी मंडी से यमुना जल की आपूर्ति होती है। वर्तमान में गोकुल बैराज से 1300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कम पानी छोडऩे से नदी के जलस्तर में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं हो रही है। जल संस्थान के महाप्रबंधक आरएस यादव ने बताया कि सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिख गोकुल बैराज से अतिरिक्त पानी छोडऩे की मांग की गई है। उधर, काला महल, पीपलमंडी, जीवनी मंडी रोड, ताजगंज, बालूगंज में तीस से चालीस मिनट तक जलापूर्ति हुई। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
शासन के आदेश पर योजना की बन रही डीपीआर
मेयर नवीन जैन ने नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन से मुलाकात की। मेयर ने पेयजल समस्या से अवगत कराया। कहा कि शहर में गंगाजल आ गया है लेकिन उसके वितरण की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। आधा शहर पेयजल समस्या से जूझ रहा है। वहीं शासन के आदेश पर योजना की डीपीआर बन रही है। मेयर ने बताया कि वार्ड खतैना, फ्रीगंज, घटवासन, काजीपाड़ा, प्रकाश नगर सहित अन्य ऐसे क्षेत्र हैं। जहां पर गंगाजल की आपूर्ति हो सकेगी।