Move to Jagran APP

पुराने शहर से अब 80 मीटर दूर गंगाजल, जानिए कितना और है इंतजार Agra News

गंगाजल प्रोजेक्ट में ट्रेंसलेस तकनीक से डाली जा रही है 160 मीटर की लाइन। डेढ़ माह और लगेगा अभी समय। हर दिन मिलेगा 200 एमएलडी गंगाजल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 09:16 AM (IST)
पुराने शहर से अब 80 मीटर दूर गंगाजल, जानिए कितना और है इंतजार Agra News
पुराने शहर से अब 80 मीटर दूर गंगाजल, जानिए कितना और है इंतजार Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। पुराने शहर तक गंगाजल पहुंचाने में अब सिर्फ 80 मीटर की बाधा बची है। वाटर वक्र्स के पास 160 मीटर पाइप लाइन में से आधी डाली जा चुकी है। यह लाइन डलते ही आधे शहर (पुराने शहर) को 200 एमएलडी गंगाजल मिलने लगेगा।

loksabha election banner

आगरा शहर की प्यास बुझाने के लिए बुलंदशहर से आगरा तक पाइप लाइन बिछाई गई है। कैलाश मंदिर से एक लाइन सिकंदरा और दूसरी अग्रवन तक बिछ चुकी है। अग्रवन से जीवनी मंडी वाटरवक्र्स तक 160 मीटर की लाइन बिछाई जा रही है। जल निगम यह ट्रेंसलेस तकनीक से पाइप डाल रहा है। अब तक 80 मीटर लाइन बिछ चुकी है। जल निगम के एक अधिकारी ने बताया कि बारिश के चलते लाइन बिछाने का काम धीमी गति से चल रहा है। 12 मीटर के पाइप को दो टुकड़ों में काटकर डाला जा रहा है। काम पूरा होने में अभी डेढ़ माह लगेंगे।

बंद करनी पड़ेगी सर्विस रोड

गंगाजल की पाइप लाइन में तीन गैप भी हैं। यह गैप कमलानगर क्रासिंग, लंगड़े की चौकी में हैं। पाइपों के बीच गैप को जोडऩा आसान नहीं है। इसके लिए नौ मीटर गहरी खोदाई करनी होगी। इसके चलते सर्विस रोड को 10 से 15 दिनों के लिए बंद करना पड़ेगा।

शहर की पेयजल आपूर्ति की हकीकत

  • 650 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछी है शहर में।
  • 3.70 लाख भवन हैं शहर में, जिनमें 2 लाख भवनों में पानी का कनेक्शन है।
  •  400 एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है रोजाना।
  • 15 लाख लोग नगर निगम के सौ वार्ड में रहते हैैं।
  •  100 में 18 वार्डों में पानी की पाइप लाइन बिछी है। 55 वार्ड ऐसे हैं, जहां आंशिक जलापूर्ति होती है। 27 वार्ड में पाइप लाइन नहीं है।
  •  144 एमएलडी की क्षमता है सिकंदरा स्थित एमबीबीआर प्लांट की।
  •  144 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति सिकंदरा स्थित दूसरे वाटरवक्र्स से होती है।
  •  2005 में जल निगम ने गंगाजल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार किया था।
  •  387 करोड़ की लागत वाले गंगाजल प्रोजेक्ट की शुरुआत धीमी रही। 2014 में पाइप लाइन के टेंडर हुए। तब तक इसकी लागत 2887.92 करोड़ रुपये पहुंच गई।
  •  130 किमी लंबी पाइप लाइन पालड़ा फाल बुलंदशहर से आगरा तक डाली गई। पानी का प्रेशर बनाये रखने के लिए हर एक किमी दूरी पर एक चिमनी बनाई गई है। 2018 में पाइप लाइन की टेस्टिंग शुरू हुई। इसी साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह में गंगाजल सिकंदरा वाटरवक्र्स तक पहुंचा। जहां इसकी टेस्टिंग शुरू हुई।
  • 06 जनवरी 2019 से 71 एमएलडी गंगाजल और 73 एमएलडी यमुना जल की आपूर्ति शहर में शुरू हुई।  

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.