प्यास बुझाने को टैंकर का इंतजार
आगरा : मौसम के बदलाव ने गर्मी से तो राहत दे दी, लेकिन पानी की किल्लत अभी बरकरार है।
आगरा (जागरण संवाददाता): मौसम के बदलाव ने गर्मी से तो राहत दे दी, लेकिन पानी की किल्लत अभी बरकरार है। शहर के दर्जनों इलाके पानी के लिए महीनों से तरस रहे हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र है शाहदरा की जाटव बस्ती। यहां दो महीने से पानी की सप्लाई नहीं हुई है। ढाई सौ घर प्यास बुझाने के लिए टैंकर का इंतजार करने को मजबूर हैं।
शाहदरा की जाटव बस्ती के निवासी प्रमोद कुमार ने बताया कि दो महीने से पानी की सप्लाई नहीं हुई है। कई बार जल संस्थान के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। यहीं के रहने वाले सत्यपाल ने बताया कि पार्षद से भी शिकायत कर चुके हैं। बस्ती में जो हैंडपंप लगे हैं, वह खराब हैं।
50 से 60 टैंकर आते है बस्ती में
अजय सिंह के अनुसार बस्ती में सुबह और शाम को टैंकरों से सप्लाई होती है। 50 से 60 टैंकरों से पानी मंगाया जाता है। एक टैंकर 400 रुपये में मिलता है।
टैंकर आने पर होता है झगड़ा
बस्ती में टैंकर आने पर पानी के लिए भीड़ इकट्ठी हो जाती है। पानी खत्म होने के डर से सभी को पानी भरने की जल्दी रहती है। इस चक्कर में झगड़े जैसे हालात हो जाते हैं।
ंएक सबमर्सिबल से सप्लाई
250 घरों की बस्ती में एक समबर्सिबल लगा है। उसी से कुछ घरों में सप्लाई हो जाती है। समबर्सिबल का पानी खारा है और उसका उपयोग लोग पानी और खाना बनाने में नहीं करते हैं।
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शाम को रोड से गुजर रहे टैंकर को देखने के लिए बच्चों को सड़क पर खड़ा करते हैं। टैंक देख बच्चे रुकवा लेते हैं। सभी लोग ड्रम में पानी भर लेते हैं।
पीर मोहम्मद
पानी भरने के लिए जूता फैक्ट्री से लंच के समय में काम छोड़कर आता हूं। टैंकर से पानी के ड्रम भर कर वापस चले जाते हैं।
मोहम्मद शमसाद
पानी की समस्या के समाधान को सरकारी दफ्तरों के दरबाजों को कई बार खटखटाया है। लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है। गर्मी के आने पर यह विकराल रूप ले रही है।
सलीम खान
400 रुपये का एक टैंकर पानी मिलता है। इससे दो दिन काम चल जाता है। एक दिन के पानी का खर्च 200 रुपये लगता है।
गजेन्द्र सिंह वर्मा