संस्थान के गेट का लीकेज भी दूसरे दिन हुआ ठीक, जानिए कैसे
-जल संस्थान के गेट पर 1100 एमएम की लाइन में हुआ था लीकेज - कमलानगर, बल्केश्वर सहित कई क्षेत्रों में प्रेशर रहा कमजोर
आगरा, जागरण संवाददाता। जल संस्थान को जीवनी मंडी वाटरवर्क्स कार्यालय के बाहर का लीकेज भी दूसरे दिन ठीक हो सका। इस लापरवाही के चलते लाखों लीटर पानी भी बर्बाद हो गया।
जीवनी मंडी वाटरवर्क्स परिसर में जल संस्थान का कार्यालय है। वाटरवर्क्स से पुराने शहर को जलापूर्ति होती है। गुरुवार सुबह जल संस्थान के मुख्य गेट के पास 1100 एमएम की लाइन में लीकेज हो गया। लगातार पानी बहने की शिकायत जल संस्थान के अफसरों से की गई लेकिन लाइन ठीक नहीं हुई। शुक्रवार को भी यही स्थिति हो गई। महाप्रबंधक आरएस यादव ने लीकेज न ठीक कराने पर नाराजगी जताई। इसके बाद जेसीबी से खोदाई हुई और लाइन की मरम्मत कराई गई। वहीं इसके चलते कमलानगर, बल्केश्वर व उसके आसपास के क्षेत्रों में पानी का प्रेशर कमजोर रहा। 220 एमएलडी की आपूर्ति
शुक्रवार को शहर में 220 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई। जीवनी मंडी से 96 और एमबीबीआर प्लांट से 124 एमएलडी रही। शहर को हर दिन चार सौ एमएलडी पानी की जरूरत है। जल स्तर अभी भी 480 फीट पर टिका है।
लोहामंडी जेडपीएस में बढ़ी दिक्कत
लोहामंडी जोनल पंपिंग स्टेशन (जेडपीएस) से जलापूर्ति में दिक्कत आ रही है। शुक्रवार सुबह व शाम वाल्मीकि बस्ती, जोशियान, छिंगा मोदी पुल मुहल्ला व उसके आसपास पानी नहीं आया। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पार्षद प्रियंका प्रजापति के आवास पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। पार्षद पति हेमंत प्रजापति (पूर्व पार्षद) ने बताया 15 से तीस मिनट तक जलापूर्ति हो रही है। प्रेशर कमजोर रहता है। शिकायतों के बाद भी जल संस्थान के अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जल्द अफसरों का घेराव किया जाएगा।