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रौद्र से नरम रुख पर आईं यमुना, हर घंटे घट रहा पानी, अब इतना हुआ जलस्‍तर Agra News

शुक्रवार रात से कम हो रहा जलस्तर। किनारे बसे ग्रामीणों की धड़कनें अभी भी तेज।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 02:37 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 10:30 PM (IST)
रौद्र से नरम रुख पर आईं यमुना, हर घंटे घट रहा पानी, अब इतना हुआ जलस्‍तर Agra News
रौद्र से नरम रुख पर आईं यमुना, हर घंटे घट रहा पानी, अब इतना हुआ जलस्‍तर Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कई दिनों से उफान पर चल रही यमुना की कलकल कुछ शांत हो रही है। शुक्रवार रात से जलस्तर घटने लगा है। रविवार को जलसतर 490.3 फीट दर्ज किया गया है। अब तक यमुना का जलस्‍तर 493.3 फीट तक पहुंच गया था। जबकि 495 फीट यमुना का लो फ्लड लेवल है। सिंचाई विभाग ने जलस्‍तर 498 फीट तक पहुंचने की संभावना जताई थी। पिछले दो दिनों से गिर रहे जलस्‍तर से स्‍थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।

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हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना उफान पर थी। जलस्तर लगातार चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने से यमुना के किनारे बसे गांवों के लोग बेहद दहशत में थे। खेतों में खड़ी फसल तो पानी ने बर्बाद ही कर दी, घरों के अंदर तक पानी घुसने की आशंका ने मुश्किल बढ़ा दी। शुक्रवार रात 11 बजे से जलस्तर कुछ घटने लगा है। यमुना में खतरे का निशान 152.40 मीटर पर है। शनिवार को यमुना का जलस्तर 150.91 मीटर था। सुबह 11 बजे 150.87 पहुंच गया जबकि शनिवार शाम छह बजे जलस्तर 150.63 सेमी पहुंच गया। रविवार को जलस्‍तर और कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

उधर, यमुना तीरे बसे लोगों की धड़कनें अभी भी कम नहीं हैं। खासपुर गांव के रमेश चंद्र वर्मा, नीतू, महेश, आनंद यमुना के किनारे मड़ैया में बैठे शायद लहरों के शांत होने का इंतजार कर रहे थे। बोले, जौ, मक्का, बाजरा, लौकी, तोरई और ग्वार की फसल पानी ने तबाह कर दी है, जो कुछ बोया था, सब पानी में बह गया। अब तो पछताने के सिवा कुछ बचा ही नहीं। तल्फी नगला के हीरालाल परेशान हैं। कहते हैं जिस फसल से परिवार पलता है, वह फसल बर्बाद हो गई। हालांकि खेतों से कुछ कम हुए पानी ने कुछ राहत तो दी है, लेकिन अभी चिंता कम नहीं हुई है। मनोहरपुर के गो¨वद कहते हैं कि जब भी यमुना में बाढ़ आती है, खेतों में फसल के रूप में खड़े सपने बहा ले जाती है। ऐसे में परिवार पालना मुश्किल हो जाता है।

फसल हुई बर्बाद, अब रोजी रोटी का संकट

यमुना के उफान ने किसानों की पेशानी बढ़ा दी है। फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं। करीब एक दर्जन संपर्क मार्गो पर जलभराव से आवागमन बंद हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिढ़ौरा के कौंध, रामपुर चंद्रसैनी, बलाई और कांकर समेत कई अन्य गांवों में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां अधिकांश किसानों ने बाजरे की फसल की थी, जो पानी से बर्बाद हो गई। किसानों का कहना है कि अब उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।


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